Sunday, July 17, 2011

वसीयत प्रूव करने के कई तरीके हैं- Navbharat Times

वसीयत प्रूव करने के कई तरीके हैं- Navbharat Times

मैंने 2009 में रजिस्ट्री के जरिए एक प्रॉपर्टी खरीदी। मैंने यह प्रॉपर्टी एक महिला से वसीयत के आधार पर खरीदी थी। 1961 की वसीयत सब रजिस्ट्रार ऑफिस में जमा है और ठीक भी है। प्रॉपर्टी खरीदते वक्त मकान में किराएदार थे। मुझे बताया गया था कि वे तीन हजार रुपये महीना देते हैं। मुझे बाद में पता चला कि वे पगड़ी वाले किराएदार हैं और प्रति माह 100 रुपये देते हैं। क्या मैं कोर्ट में केस करके मकान खाली करा सकती हूं? मुझे कोर्ट में अपना आधार क्या रखना होगा?
- सुमन अरोड़ा, दिल्ली

आप कोर्ट की मदद से मकान बिल्कुल खाली करा सकती हैं। दिल्ली रेंट कंट्रोल एक्ट में मकान खाली कराने के 14 ग्राउंड हैं। अपने एडवोकेट से बात करें और मकान खाली कराने का मुकदमा डालें। याद रहे कि किराएदार हमेशा किराएदार ही रहता है। आप इस बात से न घबराएं कि आपसे झूठ कहा गया।

मेरे पिता का डीडीए का एक मकान है जिसमें मेरा परिवार रह रहा है। मकान मेरे पिता जी ने अपने पैसों से खरीदा था। मैं चार भाई हूं। सभी शादीशुदा हैं, नौकरी में हैं और सब के अपने मकान हैं। मैं सबसे छोटा और सबसे गरीब हूं। इसलिए शुरू से ही मां-बाप ने मुझे अपने साथ रखा। बाकी शादी के बाद मां-बाप को छोड़ निकलते गए। यह देख पिता जी ने एक वसीयत बनाई जिसमें यह मकान मेरे नाम कर दिया। यह बात जब भाइयों को पता चली तो पहले वे चुप रहे। लेकिन कुछ समय बाद जब माता-पिता दोनों की मौत हो गई तो एक भाई ने पिता जी की अलमारी से मकान के कागज निकाल लिए और दूसरे भाई ने हाईकोर्ट में अपना हिस्सा मांगने का केस कर दिया। बाकी के दो भाई इस मामले से दूर हैं। उन्हें कुछ नहीं चाहिए। लेकिन जिस भाई के पास मकान के कागज हैं, वह कोर्ट में नहीं पेश होता है। वह मुझे मकान किसी गलत व्यक्ति को बेचने की धमकी देता है। मेरे पास सिर्फ असली वसीयत और कागजों की फोटो कॉपी है जिसके आधार पर मैं केस लड़ रहा हूं। कृपया इसका कोई हल बताएं।
विवेक कुमार, दिल्ली


आप वसीयत प्रूव कीजिए। आप 100 फीसदी मौलिक हैं। वसीयत प्रूव करने के कई तरीके हैं। उनमें से एक तरीकायह है कि आप उन गवाहों को कोर्ट में पेश करें जिनके उस वसीयत पर दस्तखत हैं। अगर गवाह जिंदा नहीं हैं याशहर से बाहर रह रहे हैं तो आप अपने वकील से बात कीजिए , वे और भी तरीके बताएंगे। भाई द्वारा कागज लेजाने से कोई फर्क नहीं पड़ता। आपके पास असली वसीयत है , आप इसी को अपना आधार बनाइ ए।

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