नई दिल्ली।। मास्टर प्लान 2021 में ज्यादा फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) का प्रावधान तो है, लेकिन यह फायदा यूं ही नहीं मिलेगा। इसके लिए नए प्रावधान के हिसाब से पार्किंग का इंतजाम करना होगा। डीडीए बोर्ड ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। पार्किंग एरिया बड़ा करने के लिए दिल्ली के लोग चाहें तो रूफ टॉप (छत पर) पार्किंग भी बना सकते हैं। अब तक दिल्ली में ऐसा प्रावधान नहीं था। इससे कमर्शियल और इंस्टिट्यूशनल यूज वाली बड़ी बिल्डिंग्स में पार्किंग के लिए अतिरिक्त जगह का इंतजाम नहीं करना पड़ेगा और छत का यूज हो जाएगा।
स्पेस की तंगी के मद्देनजर फैसला
दिल्ली में पार्किंग स्पेस की दिक्कत को देखते हुए यह फैसला किया गया है। डीडीए के एक अधिकारी ने बताया कि अगर लोग ज्यादा एफएआर का फायदा उठाएंगे तो यह उनकी जिम्मेदारी है कि पार्किंग की दिक्कत न हो। अभी तक 200 स्क्वेयर मीटर बिल्ड-अप एरिया तक पार्किंग का इंतजाम करने के लिए कोई नियम नहीं था। इससे ज्यादा बिल्ड-अप एरिया में प्रति 100 स्क्वेयर मीटर पर 1.33 ईसीएस (इक्विवैलेंट कार स्पेस) जगह पार्किंग के लिए रखनी थी। नए नियम के मुताबिक, 250 से 300 स्क्वेयर मीटर के प्लॉट के लिए 2 ईसीएस और 300 स्क्वेयर मीटर से अधिक के लिए प्रति 100 स्क्वेयर मीटर पर 1 ईसीएस जगह जरूरी है। अधिकारी ने बताया कि नॉर्मल पार्किंग में 1 ईसीएस करीब 25 स्क्वेयर मीटर होता है, जिसमें सरकुलेटिंग एरिया भी शामिल होता है। बेसमेंट के लिए 1 ईसीएस करीब 20 स्क्वेयर मीटर होता है।
हर कैटिगरी में ज्यादा एफएआर
मास्टर प्लान 2021 में लगभग हर कैटिगरी के प्लॉट में ज्यादा एफएआर दिया गया है। अभी तक 50 स्क्वेयर मीटर तक के रेजिडेंशियल प्लॉट में 150 एफएआर मिलता था, लेकिन नए मास्टर प्लान के हिसाब से कोई चाहे तो अब 350 एफएआर ले सकता है। इसी तरह 50 से 100 स्क्वेयर मीटर के रेजिडेंशियल प्लॉट में अब 180 के बजाय 350 एफएआर, 100 से 250 स्क्वेयर मीटर के प्लॉट में 160 के बजाय 300 एफएआर मिलेगा। 3000 स्क्वेयर मीटर से ज्यादा के प्लॉट पर बनी ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी अब 133 की जगह पर 200 एफएआर ले सकेंगी। ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में अभी तक प्रति 100 स्क्वेयर मीटर 1.33 ईसीएस पार्किंग का प्रावधान है, लेकिन अगर यह ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी ज्यादा एफएआर लेना चाहेगी तो पार्किंग का इंतजाम भी 2 ईसीएस प्रति 100 स्क्वेयर मीटर के हिसाब से करना होगा।
मास्टर प्लान के मुताबिक लोग छत पर भी पार्किंग बना सकते हैं। डीडीए के पूर्व प्लानिंग कमिश्नर और मास्टरप्लान 2021 बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले ए . के . जैन ने कहा कि रूफ टॉप पार्किंग होने से जगह कीबचत होगी। कार लिफ्ट लगाकर छत पर पार्किंग बनाई जा सकती है। विदेश में ऐसी पार्किंग हैं , लेकिन दिल्ली मेंअभी तक इस बारे में नहीं सोचा गया था।
स्पेस की तंगी के मद्देनजर फैसला
दिल्ली में पार्किंग स्पेस की दिक्कत को देखते हुए यह फैसला किया गया है। डीडीए के एक अधिकारी ने बताया कि अगर लोग ज्यादा एफएआर का फायदा उठाएंगे तो यह उनकी जिम्मेदारी है कि पार्किंग की दिक्कत न हो। अभी तक 200 स्क्वेयर मीटर बिल्ड-अप एरिया तक पार्किंग का इंतजाम करने के लिए कोई नियम नहीं था। इससे ज्यादा बिल्ड-अप एरिया में प्रति 100 स्क्वेयर मीटर पर 1.33 ईसीएस (इक्विवैलेंट कार स्पेस) जगह पार्किंग के लिए रखनी थी। नए नियम के मुताबिक, 250 से 300 स्क्वेयर मीटर के प्लॉट के लिए 2 ईसीएस और 300 स्क्वेयर मीटर से अधिक के लिए प्रति 100 स्क्वेयर मीटर पर 1 ईसीएस जगह जरूरी है। अधिकारी ने बताया कि नॉर्मल पार्किंग में 1 ईसीएस करीब 25 स्क्वेयर मीटर होता है, जिसमें सरकुलेटिंग एरिया भी शामिल होता है। बेसमेंट के लिए 1 ईसीएस करीब 20 स्क्वेयर मीटर होता है।
हर कैटिगरी में ज्यादा एफएआर
मास्टर प्लान 2021 में लगभग हर कैटिगरी के प्लॉट में ज्यादा एफएआर दिया गया है। अभी तक 50 स्क्वेयर मीटर तक के रेजिडेंशियल प्लॉट में 150 एफएआर मिलता था, लेकिन नए मास्टर प्लान के हिसाब से कोई चाहे तो अब 350 एफएआर ले सकता है। इसी तरह 50 से 100 स्क्वेयर मीटर के रेजिडेंशियल प्लॉट में अब 180 के बजाय 350 एफएआर, 100 से 250 स्क्वेयर मीटर के प्लॉट में 160 के बजाय 300 एफएआर मिलेगा। 3000 स्क्वेयर मीटर से ज्यादा के प्लॉट पर बनी ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी अब 133 की जगह पर 200 एफएआर ले सकेंगी। ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में अभी तक प्रति 100 स्क्वेयर मीटर 1.33 ईसीएस पार्किंग का प्रावधान है, लेकिन अगर यह ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी ज्यादा एफएआर लेना चाहेगी तो पार्किंग का इंतजाम भी 2 ईसीएस प्रति 100 स्क्वेयर मीटर के हिसाब से करना होगा।
मास्टर प्लान के मुताबिक लोग छत पर भी पार्किंग बना सकते हैं। डीडीए के पूर्व प्लानिंग कमिश्नर और मास्टरप्लान 2021 बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले ए . के . जैन ने कहा कि रूफ टॉप पार्किंग होने से जगह कीबचत होगी। कार लिफ्ट लगाकर छत पर पार्किंग बनाई जा सकती है। विदेश में ऐसी पार्किंग हैं , लेकिन दिल्ली मेंअभी तक इस बारे में नहीं सोचा गया था।
No comments:
Post a Comment