किसी मकान को बेचने से हुए लाभ की गणना करना आसान नहीं है। इसकी जानकारी के लिए आप बिक्री से मिली रकम में से क्रय मूल्य घटाकर लाभ की गणना नहीं कर सकते हैं। मुनाफे का हिसाब लगाने बैठें तो इनकम टैक्स के कई नियमों पर ध्यान रखना पड़ता है। अगर आपने 50 लाख रुपये में कोई अपार्टमेंट खरीदा और उसे दो साल बाद 1 करोड़ रुपये में बेच दिया, तो आपका लाभ 50 लाख रुपये नहीं, बल्कि इससे काफी कम होगा।
गणना का तरीका
अगर आप कोई मकान उसे खरीदने के तीन साल के भीतर बेचते हैं-
सबसे पहले तो इस बात पर गौर करना होगा कि कितनी टैक्स लायबिलिटी बनती है। अगर आपने खरीदने के 36 महीने के भीतर मकान बेचा हो, तो प्रॉफिट उस साल की आपकी आमदनी में जोड़ा जाता है और उसी के मुताबिक कर लगाया जाता है। अगर आप सबसे ऊंचे इनकम टैक्स स्लैब में आते हैं, तो आपको 30.9 फीसदी की दर से कर देना होगा। इस तरह आपको हुए लाभ पर 15.45 लाख रुपये का कर देना होगा।
अगर आपने होम लोन लिया हो-
इसमें सबसे पहले आपको यह पता करना चाहिए कि प्रॉपर्टी के लिए आपने कितनी रकम चुकाई। मान लीजिए कि आपने अपार्टमेंट खरीदने के लिए 40 लाख रुपये का होम लोन लिया और पिछले 24 महीने में 9.5 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान कर रहे हैं। आपका ईएमआई 37,285 रुपये बनता है। इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत होम लोन के मूलधन पर कर छूट हासिल की जा सकती है, लेकिन अगर आपने प्रॉपर्टी 5 साल के भीतर बेच दी है, तो कर छूट वापस ले ली जाती है। होम लोन के शुरुआती दौर में रीपेमेंट का बड़ा हिस्सा ब्याज रीपेमेंट के रूप में होता है। अगर आपने दो साल में 9 लाख रुपये का रीपेमेंट किया है, तो इसमें सिर्फ 1.78 लाख रुपए ही मूलधन के रूप में वापस किया जाता है। मूलधन कंपोनेंट को उस साल की आय में जोड़ दिया जाता है और उस पर 30.9 फीसदी की दर से कर लगाया जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि आपके प्रॉफिट में 55,000 रुपये का और चूना लग जाएगा। फिर, आपने दो साल में ब्याज पर 7.17 लाख रुपये का भुगतान किया है। इसे आपके कैपिटल गेन में से घटा दिया जाएगा और इससे आपका कुल कैपिटल गेन 26.83 लाख रुपए ही रह जाएगा। (34 लाख रुपए में 7.17 लाख रुपए घटा दिया जाएगा)। बाकी बचे होम लोन के मूलधन 38.22 लाख रुपए (40 लाख रुपए में 1.78 लाख रुपए घटा दिया जाएगा) पर बैंक आपसे 2.25 फीसदी प्रीपेमेंट शुल्क वसूलेगा। यह शुल्क करीब 86,000 रुपये बनता है। इन सभी कटौतियों के बाद आपका वास्तविक लाभ 25.97 लाख रुपए बचेगा। यानी कि आपने जितना प्रॉफिट हासिल करने का ख्वाब बुना था, यह उसका लगभग आधा रह जाएगा।
दोस्तों और रिश्तेदारों द्वारा सालभर के अंदर भारी-भरकम मुनाफा हासिल करने की बात सुनकर कुछ निवेशक छोटी अवधि के लिए रियल एस्टेट में निवेश करते हैं। इस तरह के किसी भी आकर्षण में फंसने से पहले आप अपनी तरफ से गणना करें और लंबी अवधि के लिए निवेश विकल्प का ही चुनाव करें।
प्रॉपर्टी बेचने के दौरान कर की देनदारी
छोटी अवधि के कैपिटल गेन/नुकसान को किसी भी दूसरी आय या नुकसान की तरह देखा जाएगा।
लंबी अवधि के कैपिटल गेन पर कर की देनदारी से बचा जा सकता है, बशर्ते बिक्री से मिली रकम को बिक्री के पहले साल में या दो साल बाद किसी रिहायशी प्रॉपर्टी में फिर निवेश कर दिया जाए (धारा 54 एफ)
लंबी अवधि के कैपिटल गेन को टैक्स की जद से बचाया जा सकता है, बशर्ते कैपिटल गेन (बिक्री से मिली पूरी रकम नहीं) को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण या ग्रामीण विद्युतीकरण निगम के बॉन्ड में तीन साल के लिए निवेश किया जाए (धारा 54 ईसी)
बिक्री मूल्य की गणना स्टेट स्टॉम्प ड्यूटी ऐंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी द्वारा अपनाए गए वैल्यूएशन पर आधारित होती है, न कि डीड ऑफ कन्वेएंस (50 सी) पर आधारित होती है। यह प्रावधान उन मामलों को कवर करने के लिए है, जिनमें बिक्री से मिली रकम का एक हिस्सा विक्रता बेनामी नकदी के रूप में हासिल कर लेता है
गणना का तरीका
अगर आप कोई मकान उसे खरीदने के तीन साल के भीतर बेचते हैं-
सबसे पहले तो इस बात पर गौर करना होगा कि कितनी टैक्स लायबिलिटी बनती है। अगर आपने खरीदने के 36 महीने के भीतर मकान बेचा हो, तो प्रॉफिट उस साल की आपकी आमदनी में जोड़ा जाता है और उसी के मुताबिक कर लगाया जाता है। अगर आप सबसे ऊंचे इनकम टैक्स स्लैब में आते हैं, तो आपको 30.9 फीसदी की दर से कर देना होगा। इस तरह आपको हुए लाभ पर 15.45 लाख रुपये का कर देना होगा।
अगर आपने होम लोन लिया हो-
इसमें सबसे पहले आपको यह पता करना चाहिए कि प्रॉपर्टी के लिए आपने कितनी रकम चुकाई। मान लीजिए कि आपने अपार्टमेंट खरीदने के लिए 40 लाख रुपये का होम लोन लिया और पिछले 24 महीने में 9.5 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान कर रहे हैं। आपका ईएमआई 37,285 रुपये बनता है। इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत होम लोन के मूलधन पर कर छूट हासिल की जा सकती है, लेकिन अगर आपने प्रॉपर्टी 5 साल के भीतर बेच दी है, तो कर छूट वापस ले ली जाती है। होम लोन के शुरुआती दौर में रीपेमेंट का बड़ा हिस्सा ब्याज रीपेमेंट के रूप में होता है। अगर आपने दो साल में 9 लाख रुपये का रीपेमेंट किया है, तो इसमें सिर्फ 1.78 लाख रुपए ही मूलधन के रूप में वापस किया जाता है। मूलधन कंपोनेंट को उस साल की आय में जोड़ दिया जाता है और उस पर 30.9 फीसदी की दर से कर लगाया जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि आपके प्रॉफिट में 55,000 रुपये का और चूना लग जाएगा। फिर, आपने दो साल में ब्याज पर 7.17 लाख रुपये का भुगतान किया है। इसे आपके कैपिटल गेन में से घटा दिया जाएगा और इससे आपका कुल कैपिटल गेन 26.83 लाख रुपए ही रह जाएगा। (34 लाख रुपए में 7.17 लाख रुपए घटा दिया जाएगा)। बाकी बचे होम लोन के मूलधन 38.22 लाख रुपए (40 लाख रुपए में 1.78 लाख रुपए घटा दिया जाएगा) पर बैंक आपसे 2.25 फीसदी प्रीपेमेंट शुल्क वसूलेगा। यह शुल्क करीब 86,000 रुपये बनता है। इन सभी कटौतियों के बाद आपका वास्तविक लाभ 25.97 लाख रुपए बचेगा। यानी कि आपने जितना प्रॉफिट हासिल करने का ख्वाब बुना था, यह उसका लगभग आधा रह जाएगा।
दोस्तों और रिश्तेदारों द्वारा सालभर के अंदर भारी-भरकम मुनाफा हासिल करने की बात सुनकर कुछ निवेशक छोटी अवधि के लिए रियल एस्टेट में निवेश करते हैं। इस तरह के किसी भी आकर्षण में फंसने से पहले आप अपनी तरफ से गणना करें और लंबी अवधि के लिए निवेश विकल्प का ही चुनाव करें।
प्रॉपर्टी बेचने के दौरान कर की देनदारी
छोटी अवधि के कैपिटल गेन/नुकसान को किसी भी दूसरी आय या नुकसान की तरह देखा जाएगा।
लंबी अवधि के कैपिटल गेन पर कर की देनदारी से बचा जा सकता है, बशर्ते बिक्री से मिली रकम को बिक्री के पहले साल में या दो साल बाद किसी रिहायशी प्रॉपर्टी में फिर निवेश कर दिया जाए (धारा 54 एफ)
लंबी अवधि के कैपिटल गेन को टैक्स की जद से बचाया जा सकता है, बशर्ते कैपिटल गेन (बिक्री से मिली पूरी रकम नहीं) को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण या ग्रामीण विद्युतीकरण निगम के बॉन्ड में तीन साल के लिए निवेश किया जाए (धारा 54 ईसी)
बिक्री मूल्य की गणना स्टेट स्टॉम्प ड्यूटी ऐंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी द्वारा अपनाए गए वैल्यूएशन पर आधारित होती है, न कि डीड ऑफ कन्वेएंस (50 सी) पर आधारित होती है। यह प्रावधान उन मामलों को कवर करने के लिए है, जिनमें बिक्री से मिली रकम का एक हिस्सा विक्रता बेनामी नकदी के रूप में हासिल कर लेता है
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