घर खरीदने का यही है राइट टाइम- Navbharat Times:
रवि तेजा शर्मा / सोबिया खान
अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं तो देर मत कीजिए। इस साल प्रॉपर्टी के दाम कम नहीं होंगे। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की हालिया रिपोर्ट में यह बात कही गई है और इसके संकेत भी मिल रहे हैं। गुड़गांव और नोएडा में प्रॉपर्टी खरीदने वालों की दिलचस्पी हाल में बढ़ी है। गुड़गांव में पिछले दो साल से हर तिमाही में एवरेज 5,200 घर बिके। इस बीच हर तिमाही में एवरेज 6,100 घर लॉन्च हुए। नोएडा में प्रॉपर्टी की डिमांड गुड़गांव के मुकाबले कुछ ज्यादा है।
देश भर में 6,000 से ज्यादा डेवलपर्स की नुमाइंदगी करने वाले कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डिवेलपर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) का कहना है कि दाम कम नहीं हुए हैं, इसके बावजूद सेल्स बढ़ रही है। क्रेडाई के प्रेजिडेंट ललित कुमार जैन ने बताया, ' पहला मौका मिलते ही डेवलपर्स कीमत 10-30 फीसदी बढ़ा देंगे। '
2009 में स्लोडाउन के वक्त कुछ शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें पीक पर पहुंच गई थीं। इससे सेल्स घटने पर बिल्डर मुसीबत में फंस गए थे। आज ऐसा नहीं है। डेवलपर्स वाजिब कीमत पर प्रॉजेक्ट लॉन्च कर रहे हैं। महंगाई के कंट्रोल में आने के बाद इंटरेस्ट रेट में कटौती की उम्मीद भी बढ़ रही है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने तो पॉलिसी रेट में कमी से पहले ही लोन कुछ सस्ते कर दिए हैं। इस वजह से भी रियल एस्टेट मार्केट में गर्मी बढ़ रही है।
शोभा डिवेलपर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर जे सी शर्मा ने बताया, ' 2008-09 की तुलना में अपार्टमेंट की सेल्स काफी अच्छी है। नए प्रॉजेक्ट लॉन्च करने का फायदा मिल रहा है। अगर इंटरेस्ट रेट कम होते हैं तो सेल्स में और सुधार होगा। '
गुड़गांव में अभी करीब 19,000 ऐसे घर हैं, जो नहीं बिके हैं। लियासेज फोरास रियल एस्टेट रेटिंग ऐंड रिसर्च के फाउंडर पंकज कपूर ने कहा, ' नए रियल एस्टेट प्रॉजेक्ट की सेल्स अच्छी है, लेकिन पुराना स्टॉक नहीं बिक रहा। 'देश के टॉप 6 रियल एस्टेट माकेर्ट्स में पिछले दो क्वार्टर में नए प्रॉजेक्ट लॉन्च होने से 125 मिलियन वर्ग फुट एरिया जुड़ा है। एनसीआर में इससे करीब 31 मिलियन वर्ग फुट एरिया जुड़ा है। हालांकि, कुछ बड़े शहरों में घर नहीं बिकने से इनमें पैसा लगा चुके इक्विटी फंड परेशान हैं। जिन बैंकों ने ऐसे प्रोजेक्ट के लिए लोन दिया है, वे भी मुसीबत में फंस गए हैं। ये बिल्डरों से प्रॉपर्टी की कीमतें कम करने के लिए कह रहे हैं।
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