समझदार और ईमानदार हो ब्रोकर - Brokrfoto sensible and to be honest: 04 Home (22-12 - Navbharat Times:
प्रॉपर्टी चाहे खरीदनी हो या फिर किराये पर लेनी हो, इन कामों में सबसे अहम भूमिका ब्रोकर की होती है। एक अच्छा ब्रोकर जहां आपको अच्छा और सस्ता सौदा दिलाने के साथ कम किराये पर प्रॉपर्टी दिला सकता है तो वहीं गलत प्रॉपर्टी का सौदा भी करा सकता है। कोई दो राय नहीं कि संपत्ति के खरीदार और उसके विक्रेता या फिर मकान मालिक से लेकर किरायेदार के बीच में ब्रोकर या फिर रियल्टी एजेंट महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
कुछ साल पहले आई फिल्म खोसला का घोंसला तो आपको भी याद ही होगी कि किस तरह प्रॉपर्टी में निवेश के बाद उस पर प्रॉपर्टी माफिया, कब्जा कर लेते हैं यही नहीं ब्रोकर भी माफिया के साथ मिला होता है।
ऐसे में चाहे प्रॉपर्टी किराये पर लेनी हो या फिर करना हो निवेश, अगर इस काम में किसी एजेंट या ब्रोकर की सहायता ली जा रही है, तो जरूरी है कि ब्रोकर का चयन पूरी तरह सोच-विचार के और उसके बारे में पूरी तहकीकात करने के बाद ही उसे किसी तरह का काम सौंपा जाए।
जानकारी और बैकग्राउंड
किसी भी एरिया में संपत्ति के सौदे कराने के लिए तमाम ब्रोकर होते हैं। ऐसे में कम से कम पांच ब्रोकरों से संपत्ति के सौदे में आप बातचीत जरूर करें। यह ध्यान रखें कि किसी भी एरिया में यदि कोई प्रॉपर्टी बिकने के लिए आती है, तो उस एरिया के अधिकांश ब्रोकरों को उसके बारे में जानकारी जरूर होती है। अच्छा ब्रोकर आपको जहां उस प्रॉपर्टी की सही कीमत बताएगा, उसके साथ ही उसकी कंस्ट्रक्शन की क्वालिटी के अलावा लोकेशन की एडवान्टेज और डिसएडवान्टेज के बारे में भी जानकारी देगा। सबसे बड़ी बात यह कि उस ब्रोकर पर आप विश्वास करने की सोच सकते हैं जो आपको संपत्ति से संबंधित बारीक से बारीक जानकारी देने की कोशिश करे। साथ ही यह भी बता सके कि आपके बजट में उससे भी अच्छा सौदा मिल सकता है या नहीं।
संपत्ति और सौदे की जानकारी के अलावा आप उसके बैकग्राउंड के बारे में भी बातों-बातों में जानकारी जरूर लें।जैसे कि वह इस कारोबार में कब से है। इससे पहले उसी क्षेत्र में उसने किन लोगों को अपनी सेवाएं दी हैं? कौन सेलोग हैं जो उसकी सेवाओं से खुश और संतुष्ट हैं? किसी को किसी बारे में शिकायत तो नहीं है? यह जानकारीहासिल करने के बाद आप उन ग्राहकों से मिल सकते हैं, जिन्हें उसकी तरफ से सेवा दी गई हो। उन कस्टमर्स सेबात करें कि फलाने ब्रोकर से कोई शिकायत तो नहीं और क्या उसका काम साफ-सुथरा है या नहीं। पुराने ग्राहकोंसे आपको उस ब्रोकर के काम करने के तरीके और ईमानदारी की पूरी जानकारी मिल जाएगी।
कारोबार की समझ
आम तौर संपत्ति में पैसा सिर्फ अपने इस्तेमाल के लिए ही नहीं बल्कि मुनाफा कमाने के लिए भी लगाया जाता है।ऐसे में अच्छा ब्रोकर किसी भी लोकेशन में होने वाले विकास, वहां मौजूद सुविधाओं और भविष्य में आने वालीपरियोजनाओं के अनुसार यह भी बता सकता है कि उस एरिया की संपत्ति के दामों में कितना उछाल आ सकता है।संपत्ति मामलों के जानकार अविनाश केसवानी कहते हैं कि अच्छा ब्रोकर न सिर्फ संपत्तियों बल्कि सरकारीएजेंसियों की योजनाओं और बिल्डर्स की परियोजनाओं पर भी बारीक नजर रखता है। ऐसी जानकारियां देनेवाला ब्रोकर आपके लिए काम का साबित हो सकता है। इसके अलावा जरूरी है कि ब्रोकर को कानूनी पहलुओं कीसमझ हो।
संपत्ति मामलों के विशेषज्ञ राकेश पुरोहित कहते हैं कि कोई भी प्रॉपर्टी खुद नहीं कहती कि उसका मालिक कौन है,बल्कि प्रॉपर्टी के मालिकाना हक का निर्णय उसके कागजात से होता है। ऐसे में जरूरी है कि ब्रोकर को यह समझहो कि कागजों में कोई कमी तो नहीं है। जरूरी नहीं कि संपत्ति में निवेश करने वाले हर शख्स को यह जानकारीहो कि प्रॉपर्टी खरीदते समय कौन से कागज देखने जरूरी हैं और क्या नहीं। ऐसे में प्रॉपर्टी के कागजात कीजांच-परख के लिए सबसे पहले ब्रोकर को कहना बेहतर रहेगा। हालांकि इस काम के लिए अपने कानूनीसलाहकार की मदद लेनी भी बेहतर रहती है। आप यह बात अच्छी तरह समझ लें कि एक गलत डील आपकेलिए जिन्दगी भर की मुसीबत बन सकती है। साथ ही अगर आपका ब्रोकर आपको किसी विवादित संपत्ति मेंनिवेश करने के लिए कहे तो उस सौदे के साथ ब्रोकर से भी फौरन दूर हो जाना ही समझदारी कहलाएगी।
फीस करें तय
ब्रोकर आपको अपना समय देने के साथ आपको संपत्ति खरीदवाने की सेवाएं दे रहा है, ऐसे में जाहिर है कि इसकेबदले में वह कुछ फीस भी जरूर लेगा। आम तौर पर संपत्ति का सौदा कराने के के लिए ब्रोकरेज के तौर परब्रोकर्स दो फीसदी कमीशन लेते हैं। यह कमीशन संपत्ति की कीमत के अनुसार होती है। मसलन आप 20 लाखरुपये की कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो उसके दो फीसदी यानी 40 हजार रुपये ब्रोकरेज फीस के तौर पर देने होंगे।ब्रोकरेज कितनी होगी, इस बारे में प्रॉपर्टी का सौदा होने से पहले ही बात कर लेना बेहतर होगा। संपत्ति मामलोंके जानकारों का कहना भी है कि आमतौर पर अच्छे ब्रोकर एक फीसदी के कमीशन पर भी काम करने के लिएमान जाते हैं।
संपत्ति के सौदे में ब्रोकर को अपने पक्ष में ही रखें। साथ ही उसे यह भी महसूस कराएं कि आपके लिए किसी अच्छीसंपत्ति का सौदा कराने की जिम्मेदारी उसी के कंधों पर है, ऐसे में यह उसका फर्ज है कि ब्रोकर आपके लिए अच्छीसंपत्ति की व्यवस्था कम दामों पर करे। यह बात जरूर याद रखें कि ब्रोकर आपके पक्ष में होगा तभी वह आपकेलिए फायदे का सौदा करा सकेगा। इसके अलावा यदि आपको संपत्ति मामलों की जानकारी बहुत ज्यादा न हो तोअपने किसी ऐसी मित्र या शुभचिंतक को साथ लें जो ऐसे सौदे के बारे में जानकारी रखता हो।
प्रॉपर्टी चाहे खरीदनी हो या फिर किराये पर लेनी हो, इन कामों में सबसे अहम भूमिका ब्रोकर की होती है। एक अच्छा ब्रोकर जहां आपको अच्छा और सस्ता सौदा दिलाने के साथ कम किराये पर प्रॉपर्टी दिला सकता है तो वहीं गलत प्रॉपर्टी का सौदा भी करा सकता है। कोई दो राय नहीं कि संपत्ति के खरीदार और उसके विक्रेता या फिर मकान मालिक से लेकर किरायेदार के बीच में ब्रोकर या फिर रियल्टी एजेंट महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
कुछ साल पहले आई फिल्म खोसला का घोंसला तो आपको भी याद ही होगी कि किस तरह प्रॉपर्टी में निवेश के बाद उस पर प्रॉपर्टी माफिया, कब्जा कर लेते हैं यही नहीं ब्रोकर भी माफिया के साथ मिला होता है।
ऐसे में चाहे प्रॉपर्टी किराये पर लेनी हो या फिर करना हो निवेश, अगर इस काम में किसी एजेंट या ब्रोकर की सहायता ली जा रही है, तो जरूरी है कि ब्रोकर का चयन पूरी तरह सोच-विचार के और उसके बारे में पूरी तहकीकात करने के बाद ही उसे किसी तरह का काम सौंपा जाए।
अगर आप भी री-सेल पर कोई संपत्ति खरीदने की इच्छा रखते हैं और इस काम में किसी ब्रोकर की मदद लेने के बारे में विचार कर रहे हैं तो उसके विषय में कुछ चीजों की तहकीकात जरूर कर लें, जिससे आपको अच्छी और सस्ती संपत्ति मिल सके। कौन सी हैं ये चीजें, जानते हैं-
जानकारी और बैकग्राउंड
किसी भी एरिया में संपत्ति के सौदे कराने के लिए तमाम ब्रोकर होते हैं। ऐसे में कम से कम पांच ब्रोकरों से संपत्ति के सौदे में आप बातचीत जरूर करें। यह ध्यान रखें कि किसी भी एरिया में यदि कोई प्रॉपर्टी बिकने के लिए आती है, तो उस एरिया के अधिकांश ब्रोकरों को उसके बारे में जानकारी जरूर होती है। अच्छा ब्रोकर आपको जहां उस प्रॉपर्टी की सही कीमत बताएगा, उसके साथ ही उसकी कंस्ट्रक्शन की क्वालिटी के अलावा लोकेशन की एडवान्टेज और डिसएडवान्टेज के बारे में भी जानकारी देगा। सबसे बड़ी बात यह कि उस ब्रोकर पर आप विश्वास करने की सोच सकते हैं जो आपको संपत्ति से संबंधित बारीक से बारीक जानकारी देने की कोशिश करे। साथ ही यह भी बता सके कि आपके बजट में उससे भी अच्छा सौदा मिल सकता है या नहीं।
संपत्ति और सौदे की जानकारी के अलावा आप उसके बैकग्राउंड के बारे में भी बातों-बातों में जानकारी जरूर लें।जैसे कि वह इस कारोबार में कब से है। इससे पहले उसी क्षेत्र में उसने किन लोगों को अपनी सेवाएं दी हैं? कौन सेलोग हैं जो उसकी सेवाओं से खुश और संतुष्ट हैं? किसी को किसी बारे में शिकायत तो नहीं है? यह जानकारीहासिल करने के बाद आप उन ग्राहकों से मिल सकते हैं, जिन्हें उसकी तरफ से सेवा दी गई हो। उन कस्टमर्स सेबात करें कि फलाने ब्रोकर से कोई शिकायत तो नहीं और क्या उसका काम साफ-सुथरा है या नहीं। पुराने ग्राहकोंसे आपको उस ब्रोकर के काम करने के तरीके और ईमानदारी की पूरी जानकारी मिल जाएगी।
कारोबार की समझ
आम तौर संपत्ति में पैसा सिर्फ अपने इस्तेमाल के लिए ही नहीं बल्कि मुनाफा कमाने के लिए भी लगाया जाता है।ऐसे में अच्छा ब्रोकर किसी भी लोकेशन में होने वाले विकास, वहां मौजूद सुविधाओं और भविष्य में आने वालीपरियोजनाओं के अनुसार यह भी बता सकता है कि उस एरिया की संपत्ति के दामों में कितना उछाल आ सकता है।संपत्ति मामलों के जानकार अविनाश केसवानी कहते हैं कि अच्छा ब्रोकर न सिर्फ संपत्तियों बल्कि सरकारीएजेंसियों की योजनाओं और बिल्डर्स की परियोजनाओं पर भी बारीक नजर रखता है। ऐसी जानकारियां देनेवाला ब्रोकर आपके लिए काम का साबित हो सकता है। इसके अलावा जरूरी है कि ब्रोकर को कानूनी पहलुओं कीसमझ हो।
संपत्ति मामलों के विशेषज्ञ राकेश पुरोहित कहते हैं कि कोई भी प्रॉपर्टी खुद नहीं कहती कि उसका मालिक कौन है,बल्कि प्रॉपर्टी के मालिकाना हक का निर्णय उसके कागजात से होता है। ऐसे में जरूरी है कि ब्रोकर को यह समझहो कि कागजों में कोई कमी तो नहीं है। जरूरी नहीं कि संपत्ति में निवेश करने वाले हर शख्स को यह जानकारीहो कि प्रॉपर्टी खरीदते समय कौन से कागज देखने जरूरी हैं और क्या नहीं। ऐसे में प्रॉपर्टी के कागजात कीजांच-परख के लिए सबसे पहले ब्रोकर को कहना बेहतर रहेगा। हालांकि इस काम के लिए अपने कानूनीसलाहकार की मदद लेनी भी बेहतर रहती है। आप यह बात अच्छी तरह समझ लें कि एक गलत डील आपकेलिए जिन्दगी भर की मुसीबत बन सकती है। साथ ही अगर आपका ब्रोकर आपको किसी विवादित संपत्ति मेंनिवेश करने के लिए कहे तो उस सौदे के साथ ब्रोकर से भी फौरन दूर हो जाना ही समझदारी कहलाएगी।
फीस करें तय
ब्रोकर आपको अपना समय देने के साथ आपको संपत्ति खरीदवाने की सेवाएं दे रहा है, ऐसे में जाहिर है कि इसकेबदले में वह कुछ फीस भी जरूर लेगा। आम तौर पर संपत्ति का सौदा कराने के के लिए ब्रोकरेज के तौर परब्रोकर्स दो फीसदी कमीशन लेते हैं। यह कमीशन संपत्ति की कीमत के अनुसार होती है। मसलन आप 20 लाखरुपये की कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो उसके दो फीसदी यानी 40 हजार रुपये ब्रोकरेज फीस के तौर पर देने होंगे।ब्रोकरेज कितनी होगी, इस बारे में प्रॉपर्टी का सौदा होने से पहले ही बात कर लेना बेहतर होगा। संपत्ति मामलोंके जानकारों का कहना भी है कि आमतौर पर अच्छे ब्रोकर एक फीसदी के कमीशन पर भी काम करने के लिएमान जाते हैं।
संपत्ति के सौदे में ब्रोकर को अपने पक्ष में ही रखें। साथ ही उसे यह भी महसूस कराएं कि आपके लिए किसी अच्छीसंपत्ति का सौदा कराने की जिम्मेदारी उसी के कंधों पर है, ऐसे में यह उसका फर्ज है कि ब्रोकर आपके लिए अच्छीसंपत्ति की व्यवस्था कम दामों पर करे। यह बात जरूर याद रखें कि ब्रोकर आपके पक्ष में होगा तभी वह आपकेलिए फायदे का सौदा करा सकेगा। इसके अलावा यदि आपको संपत्ति मामलों की जानकारी बहुत ज्यादा न हो तोअपने किसी ऐसी मित्र या शुभचिंतक को साथ लें जो ऐसे सौदे के बारे में जानकारी रखता हो।
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