Tuesday, August 30, 2011

जान लें डीडीए से प्लॉट फ्री होल्ड कराने की प्रक्रिया- Navbharat Times

जान लें डीडीए से प्लॉट फ्री होल्ड कराने की प्रक्रिया- Navbharat Times:

अगर आप का मकान है और जमीन डीडीए की है तो फ्रीहोल्ड कराने के लिए लंबी - चौड़ी प्रक्रिया से गुजरना होगा।सबसे पहली बात तो यह कि क्या आप अलॉटी हैं। अगरअलॉटी हैं तो 50 स्क्वेयर मीटर तक के प्लॉट पर लीज होल्डसे फ्री होल्ड में बदलने के लिए कोई कन्वर्जन चार्ज नहीं है।सिर्फ 200 रुपए की प्रोसेसिंग फीस ली जाती है। अगरअटर्नी होल्डर हैं तो आपको कन्वर्जन चार्ज के अलावा उसकेऊपर एक तिहाई सरचार्ज लगाया जाता है।

अलॉटी और अटर्नी होल्डर , दोनों में से किसी के द्वाराफ्रीहोल्ड कराने के लिए फॉर्म तो एक ही है , लेकिन इसकेसाथ मांगे जाने वाले दस्तावेज अलग - अलग होते हैं। एकअलॉटी से फ्री होल्ड कराने के लिए जिन डॉक्यूमेंट्स कीमांग की जाती हैं , वे हैं -

- अंडरटेकिंग , एफिडेविट और इडेमिनिटी बांड
- डी फॉर्म की कॉपी
- फिजिकल पजेशन प्रूफ
- ग्राउंड रेंट पेमेंट डिटेल
- लीज डीडी की फोटो कॉपी
- अगर लोन है तो मोरगेज एनओसी

अटर्नी पर एक्सट्रा डॉक्यूमेंट
ऐप्लिकेंट के अटर्नी होल्डर होने की स्थिति में इन दस्तावेजों के अलावा अलॉटी से लेकर ऐप्लिकेंट तक खरीद -बिक्री से संबंधित एग्रीमेंट टु सेल , जनरल पॉवर ऑफ अटर्नी और पेमेंट रसीद की कॉपी भी लगानी पड़ती है। यादरखें , डीडीए द्वारा कभी खाली प्लॉट को फ्रीहोल्ड नहीं किया जाता है। फ्रीहोल्ड की प्रक्रिया प्लॉट पर मकान बननेके बाद ही शुरू होती है या यूं कहें कि आप मकान बनाने के बाद ही फ्रीहोल्ड के लिए ऐप्लिकेशन दे सकते हैं।डीडीए द्वारा फ्लॉट फ्रीहोल्ड करने के लिए निर्धारित समय 45 दिन है , लेकिन व्यवहारिक रूप से तीन से चारमहीने का समय लगता है।

अंडरटेकिंग
2001 के बाद से डीडीए ने डी - फॉर्म देना बंद कर दिया है। इसकी जगह अब डीडीए द्वारा अपने फील्ड स्टाफ सेखुद एंक्वायरी करवाई जाती है। ऐप्लीकेशन के साथ मांगे जाने वाले अंडरटेकिंग , एफिडेविट और इडेमिनिटी बांडकाफी अहम होते हैं। अंडरटेकिंग में ऐप्लिकेंट द्वारा इस बात का वचन लिया जाता है कि अगर प्लॉट पर किसीप्रकार की बकाया राशि डीडीए के पक्ष में देय है , तो वह मांग पर उसका भुगतान करेगा। साथ ही ग्राउंड रेंट केरूप में मांगी जाने वाली राशि का तुरंत भुगतान करेंगे।

ऐफिडेविट
ऐफिडेविट के द्वारा ऐप्लिकेंट यह बताता है कि प्लॉट का गैररिहायशी रूप में इस्तेमाल नहीं हो रहा है और प्लॉटका कब्जा उसके पास है। साथी ही यह भी कि उस संपत्ति में किसी प्रकार का कोई अवैध निर्माण नहीं है और ग्राउंडरेंट पे कर दिया गया है और ऐप्लिकेशन में बताई गई सारी बातें सही हैं। इनडेमिनिटी बांड के द्वारा ऐप्लिकेंट इसबात की घोषणा करते हैं जो कि जो प्रॉपर्टी है , वह विवाद रहित है। किसी को कोई नुकसान होता है , तो उसकीभरपाई ऐप्लिकेंट द्वारा की जाएगी।

प्रोसेसिंग फीस और चालान
सारे दस्तावेजों के साथ ऐप्लिकेशन फॉर्म आईएनए , विकास सदन में निर्धारित काउंटर पर जमा करवाना होताहै। वहां अस्सिटेंट डायरेक्टर लेवल के ऑफिसर होते हैं जो फॉर्म को चेक करते हैं। उसके बाद चालान बनाया जाताहै जिसमें प्रोसेसिंग फीस और कन्वर्जन चार्ज वगैरह का विस्तृत विवरण होता है। चालान की चार कॉपी दी जातीहै। और इसकी राशि विकास सदन स्थित एसबीआई शाखा में जमा कराना होता है। इसकी दो कॉपी बैंक से वापसमिल जाती है जिसमें एक कॉपी ऐप्लिकेंट की होती है और एक कॉपी ऐप्लिकेशन फॉर्म के साथ डीडीए के निर्धारितकाउंटर पर जमा करा दी जाती है। इस तरह एप्लीकेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। आप देरी की स्थिति मेंडीडीए , विकास सदन से ही अपने ऐप्लिकेशन का स्टेटस पता कर सकते हैं।

डी के सिंह

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