Thursday, March 1, 2012

कर्ज वसूली अमानवीय न हो: RBI- Navbharat Times

मदुरै।। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कर्ज की वसूली के समय चूककर्ता (डिफाल्टर) कर्जदार को शर्मिंदगी न झेलनी पड़े।

रिजर्व बैंक के प्रमुख कानूनी सलाहकार जी. एस. हेगडे ने शनिवार रात यहां एक संगोष्ठी में यह बात कही। उन्होंने कहा कि बैंकों को धन की वसूली के लिए ट्रेन्ड एजेंट रखने चाहिए और यह इंपॉर्टेंट है कि कर्जदाताओं से 'मानवीयता' से पेश आया जाए।

उन्होंने 'सिक्युरिटीजेशन ऐंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनैंशल ऐसेट ऐंड इन्फोर्समेंट ऑफ सिक्युरिटी इंटरेस्ट ऐक्ट 2002' पर इस संगोष्ठी में कहा कि यह कानून किसी कर्जदार के विफल रहने पर प्रॉपर्टी की नीलामी की अनुमति देता है ताकि बैंक अपनी गैर निष्पादित आस्तियां कम कर सकें। लेकिन बैंकों को अपने कर्जदार से मानवीयता के आधार पर पेश आना चाहिए।

1 comment:

Anonymous said...

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