Saturday, September 17, 2011

फ्री होल्ड प्रॉपर्टी के फायदे- Navbharat Times

फ्री होल्ड प्रॉपर्टी के फायदे- Navbharat Times:

फ्री होल्ड प्रॉपर्टी से मतलब है कि प्रॉपर्टी का मालिकाना हक अनिश्चितकाल या हमेशा के लिए खरीदार को ट्रांसफर कर दिया जाता है। भारत में ज्यादातर प्रॉपर्टी का टाइटल फ्री होल्ड है , लेकिन दिल्ली में चूंकि ज्यादातर जमीन सरकार के पास है , इसलिए यहां लीज होल्ड प्रॉपर्टी का चलन ज्यादा है। इस तरह की प्रॉपर्टी को टाइटल क्लियर कहा जाता है।

रजिस्ट्रेशन- इस तरह की डील कन्वेंस या सेल डीड के जरिए पूरी की जाती है। इसके लिए संबंधित राज्य में लागू स्टैंप ड्यूटी चुकाकर डीड को सब रजिस्ट्रार के ऑफिस में रजिस्टर्ड कराया जाता है। इसके बाद प्रॉपर्टी बेचने वाले का उस पर किसी तरह का कोई अधिकार बाकी नहीं रह जाता।

ट्रासंफर- फ्री होल्ड प्रॉपर्टी को कभी भी तीसरे पक्ष को बेचा जा सकता है। इस पर कोई रोक नहीं होती। इसके लिए नए खरीदार के साथ सेल डीड साइन करके उसे सब रजिस्ट्रार के पास रजिस्टर्ड कराना होगा।

ध्यान दें
- जनरल पावर ऑफ अटर्नी से डील की जाए या कन्वेंस या सेल डीड के जरिए प्रॉपर्टी का ट्रांसेक्शन , सभी पर लगभग एक जैसी ही स्टैंप ड्यूटी चुकानी पड़ती है।

- ज्यादातर बैंक और हाउसिंग फाइनैंस कंपनियां लीज होल्ड की तुलना में फ्री होल्ड प्रॉपर्टी पर लोन देना ज्यादा पसंद करते हैं।

- प्रॉपर्टी खरीदने से पहले डीलर या बिल्डर से टाइटल के कागज जरूर मांगे। देख लें कि प्रॉपर्टी लीज होल्ड है या फ्री होल्ड। फ्री होल्ड प्रॉपर्टी के लिए रजिस्टर्ड कन्वेंस या सेल डीड होना जरूरी है , जबकि लीज होल्ड प्रॉपर्टी के मामले में लीज डीड , जनरल पावर ऑफ अटर्नी जैसे कागज दिखाए जाएंगे।

फायदे
- क्लियर टाइटल , यानी मालिकाना हक। प्रॉपर्टी को कभी भी बेचने की आजादी।
- प्रॉपर्टी के इस्तेमाल पर किसी तरह की कोई बंदिश नहीं।
- होम लोन , रिनोवेशन लोन आदि लेने में आसानी।
- जनरल पावर ऑफ अटर्नी के मामले में मूल लीज होल्डर की मौत के बाद पीओए खत्म होने का डर नहीं।
- प्रॉपर्टी के मार्केट रेट में इजाफा , जिसका काफी फायदा रीसेल में मिल सकता है।

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