होम और कार लोन पर खत्म होगी प्री-पेमेंट पेनल्टी- Navbharat Times:
मुंबई।। वक्त से पहले होम या कार लोन चुकाने की योजना बना रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। फ्लोटिंग रेट वाले होम या कार लोन पर प्री-पेमेंट पेनल्टी खत्म होने जा रही है। इससे लाखों लोगों को फायदा होगा। अभी वक्त से पहले लोन चुकाने वाले ग्राहकों को बाकी लोन की 3 % तक रकम पेनल्टी के रूप में बैंक को चुकानी पड़ती है।
बैंकिंग ओम्बड्समैन कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक बयान में कहा है, ' बैंकों को फ्लोटिंग रेट लोन पर प्री-पेमेंट चार्ज नहीं वसूलना चाहिए। फ्लोटिंग रेट लोन में ब्याज दर का जोखिम बैंकों पर नहीं रह जाता है। वे इसका प्रबंधन करने में सक्षम हैं। बैंक सिर्फ संभावित क्रेडिट रिस्क वाले इंटरेस्ट रेट रिस्क का विकल्प तलाशते हैं।'
बैंकों के प्री-पेमेंट पेनल्टी लगाने की आलोचना उपभोक्ता समूहों और रेग्युलेटर द्वारा की गई है। इससे व्यक्ति के सामने कर्ज के बोझ से छुटकारा पाने का विकल्प खत्म हो जाता है। बैंक ग्राहकों को दूसरे बैंक की सेवा लेने से रोकने और अपने एसेट-लायबिलिटी के अंतर के प्रबंधन के लिए प्री-पेमेंट पेनल्टी का इस्तेमाल करते आ रहे हैं।
सेबी के पूर्व प्रमुख एम. दामोदरन की अध्यक्षता वाली कमिटी ने प्री-पेमेंट पेनल्टी पर रोक लगाने के साथ ही ग्राहक सेवा में सुधार करने के उपायों की सिफारिश की थी। मुंबई के कंज्यूमर वेलफेयर असोसिएशन के जॉइंट सेक्रेटरी जहांगीर गाई ने कहा, ' आरबीआई का फैसला बहुत अच्छा है, क्योंकि इससे लोग अपने कर्ज का जल्द निपटान करने के लिए प्रेरित होंगे। यह छिपा हुआ चार्ज होता है और बैंक उपभोक्ता को इसके बारे में नहीं बताते हैं। जब उपभोक्ता अपना लोन बंद कराने के लिए बैंक के पास जाता है तो वे अचानक इस चार्ज से उपभोक्ता को चौंका देते हैं। '
सालाना बैंकिंग ओम्बड्समैन कॉन्फ्रेंस में बैंकों को दामोदरन समिति की सिफारिशों पर आम राय बनाने का भी निर्देश दिया गया। बगैर ज्यादा खर्च के उपभोक्ता की शिकायतों का जल्द निपटारा करने के लिए 1995 में ओम्बड्समैन स्कीम शुरू की गई थी। अगस्त में सार्वजनिक की गई दामोदरन समिति की रिपोर्ट में कहा गया है, 'बैंकों को वक्त से पहले होम लोन बंद करने पर पेनल्टी के रूप में ज्यादा रकम नहीं वसूलनी चाहिए। उपभोक्ता को अपने आथिर्क हित में बाजार प्रतिस्पर्धा का लाभ उठाते हुए दूसरे बैंकों/वित्तीय संस्थाओं के पास जाने से नहीं रोकने के मकसद से एक नीति तैयार की जानी चाहिए। '
ओम्बड्समैन कॉन्फ्रेंस में यह भी फैसला लिया गया कि एटीएम और इंटरनेट ट्रांजैक्शन से जुड़े विवादों में बैंकों को यह साबित करना होगा कि इसमें उनकी गलती नहीं है। इसके अलावा आरबीआई इस बात पर विचार करेगा कि विवाद के दौरान हुई परेशानी के लिए ग्राहक को मुआवजा दिया जाना चाहिए या नहीं। दामोदरन समिति की दूसरी सिफारिशों में रीटेल ग्राहकों के साथ भेदभाव खत्म करने और एक समान रिस्क प्रोफाइल वाले मॉर्टगेज के मामले में एकसमान शुल्क वसूलने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं।
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