क्या होता है वेल्थ टैक्स और इसे चुकाने का फंडा?- Navbharat Times:
वेल्थ टैक्स
अगर किसी व्यक्ति की संपत्ति 30 लाख रुपए का आंकड़ा पार कर जाती है, तो उसे वेल्थ टैक्स चुकाना होता है। यह कुल संपत्ति का 1 फीसदी होता है।
किसे चुकाना पड़ता है वेल्थ टैक्स?
आम लोगों, एचयूएफ और कंपनियों (कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 के तहत पंजीकृत गैर-लाभकारी कंपनियों के अलावा) को वेल्थ टैक्स चुकाना पड़ता है।
इसमें क्या-क्या शामिल होता है:
आवासीय इकाई (गेस्ट हाउस शामिल) और कमर्शल बिल्डिंग
जूलरी, गोल्ड और दूसरी कीमती धातु जिनमें कीमती रत्नों से बनने वाला सामान शामिल है
यॉट, बोट और एयरक्राफ्ट (कमर्शल उद्देश्यों के लिए करदाताओं के इस्तेमाल आने वालों से अलग)
शहरी जमीन
आम लोगों और हिंदू अविभाजित परिवारों के पास हाथ में 50,000 रुपए से ज्यादा नकदी होने पर
मोटर कार (करदाताओं के हायरिंग कारोबार में इस्तेमाल होने वाली गाडि़यों और स्टॉक इन ट्रेड में उपयोग होने वाली कारों से अलग)
वेल्थ टैक्स के दायरे में क्या-क्या नहीं आता:
किसी व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार का मकान या मकान का हिस्सा या जमीन का प्लॉट
500 वर्ग मीटर या उससे कम क्षेत्र रखने वाला जमीन का हिस्सा
भारतीय नागरिक या पीआईओ का भारत में अपनी स्थायी लोकेशन पर लाया जाने वाला पैसा और एसेट की वैल्यू। या, लौटने की तारीख से ठीक पहले के एक साल या उसके बाद इस तरह के पैसे से खरीदी गई एसेट की वैल्यू
करदाता के अपने बिजनस या प्रफेशन के उद्देश्य के लिए खरीदा गया मकान
कोई भी ऐसी आवासीय प्रॉपर्टी जिसे कारोबारी साल में तीन सौ दिनों की न्यूनतम अवधि के लिए किराए पर दिया गया हो
कमर्शल कॉम्प्लेक्स जैसी कोई भी प्रॉपर्टी
आप पर वेल्थ टैक्स बनताहै या नहीं, यह जांचने के लिए आपको अपने एसेट की बाजार वैल्यू का आकलन करना होगा।
अगर आप अपनी प्रॉपर्टी पर किसी तरह का लोन चुका रहे हैं, तो बकाया लोन की राशि घटाने के बाद जो शुद्ध वैल्यू बचती है, उस पर वैल्थ टैक्स चुकाया जाता है। मसलन, अगर आपकी प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू 50 लाख रुपए है और आप 35 लाख रुपए का लोन चुका रहे हैं, तो 15 लाख रुपए की राशि पर आपको वेल्थ टैक्स चुकाने की जरूरत होगी। हालांकि, अगर आपने किसी कारोबारी साल में 300 दिन से ज्यादा वक्त के लिए मकान किराए पर दिया है, तो उस प्रॉपर्टी पर वेल्थ टैक्स चुकाने से आपको रियायत मिल जाएगी। वेल्थ टैक्स रिटर्न दाखिल करने की तारीख ठीक आय कर रिटर्न दाखिल करने की तरह है, जो 31 जुलाई तय की गई है।
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