Tuesday, April 10, 2012

'किसी से भी कम नहीं है यमुनापार' - Navbharat Times

'किसी से भी कम नहीं है यमुनापार' - Navbharat Times:


'किसी से भी कम नहीं है यमुनापार'


मानव शर्मा 
यमुनापार ने बहुत कम समय में तेजी से विकास किया है। यही वजह है कि यहां फाइव स्टार होटल्स से लेकर आपको मल्टीप्लेक्स तक मिल जाएंगे। चलिए यहां के यूथ से जानते हैं कि वह यमुनापार के बारे में क्या सोचता है: 

आज से कुछ समय पहले तक ईस्ट दिल्ली को हिकारत की निगाह से देखा जाता था। दरअसल, यहां ट्रांसपोर्ट व डिवेलप एरिया की बहुत ज्यादा किल्लत थी। लेकिन पिछले कुछ सालों में ईस्ट दिल्ली बहुत तेजी से डेवलप हुई है। यही वजह है कि अब सिलेब्रिटीज के बीच भी ईस्ट दिल्ली पॉपुलर हो गई है। अब आपको यहां कई सिलेब्रिटीज मिल जाएंगे, जो यहां सालों से रह रहे हैं। चलिए ईस्ट दिल्ली के यूथ से पूछते हैं कि वह यमुनापार के बारे में क्या सोचते हैं। 

दिल्ली हुई 'एक' 

कुछ साल पहले तक दिल्ली को दो माना जाता था। दरअसल, लोग यमुनापार को ईस्ट दिल्ली का हिस्सा नहीं मानते थे। और ना ही कोई खुद को ईस्ट दिल्ली का बताता था, तो लोग नाक- भों सिकुड़ लेते थे। लेकिन पिछले कुछ सालों में हुए डिवेलपमेंट ने ईस्ट दिल्ली को अच्छे एरिया की कैटिगरी में ला दिया है। इस बारे में अंबेडकर कॉलेज में बी.ए. के स्टूडेंट मोहम्मद शकील ने बताया कि यूपी से कनेक्ट होने के कारण दिल्लीवासी यमुनापार को यूपी का ही एक हिस्सा मानते थे। वहीं, यहां का कोई स्टूडेंट साउथ कैंपस या नॉर्थ कैंपस में एडमिशन लेता था, तो उसको ईस्ट दिल्ली ब्रैंड कहकर चिढ़ाया जाता था। लेकिन अब वक्त बदल चुका है। अब तो दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से स्टूडेंट्स ईस्ट दिल्ली के कॉलेज में एडमिशन ले रहे हैं। यही नहीं, अब यहां मल्टीप्लेक्स और होटल्स भी खुल गए हैं। बी.ए. की स्टूडेंट दीपाली पांचाल ने बताया कि यमुनापार में सब कुछ है। अगर हम मूवी देखने का प्लान बनाते हैं, तो हमें अब पीवीआर प्रिया या साकेत नहीं जाना पड़ता, बल्कि ईडीएम या क्रॉसरीवर मॉल चले जाते हैं। वहीं, शॉपिंग के लिए यहां एक से बढ़कर एक शोरूम है। प्रीत विहार, लक्ष्मी नगर, गांधी नगर, लाल क्वॉर्टर जैसी लोकल भी अब पूरी दिल्ली में फेमस हो चुकी हैं। 

कन्वेंस हुआ ईजी 
यमुनापार में पहले कन्वेंस की बहुत ज्यादा दिक्कत होती थी। लेकिन अब यहां का ट्रांसपोर्ट सबसे उम्दा हो गया है। इस बारे में अंबेडकर कॉलेज की स्टूडेंट नीतू चौधरी कहती हैं कि एक समय था जब यहां कन्वेंस बहुत बड़ी प्रॉब्लम मानी जाती थी। लेकिन मेट्रो के आने से ईस्ट दिल्ली में चार चांद लग गए हैं। अब जब भी दोस्तों के साथ प्लान बनता है, तो सबसे पहले मेट्रो ही कन्वेंस के तौर पर याद आती है। हमारे कई दोस्त गाजियाबाद और नोएडा भी रहते है। आनंद विहार से काफी आसानी से मेट्रो के जरिए यूपी के इन हिस्सों में पहुंचा जा सकता है और टाइम का पता भी नही लगता आनंद विहार के मेगा मेट्रो टर्मिनल ने मानो यमुनापार को पंख लगा दिए हैं। अब ईस्ट दिल्ली में कई कॉलेज व इंस्टीट्यूट खुल गए हैं। स्टूडेंट रवलीन ने बताया कि वह सिविल लाइंस में रहते हैं, लेकिन जब उनका एडमिशन नॉर्थ कैंपस में नहीं हुआ तो उन्होंने यमुनापार के कॉलेज में एडमिशन को प्रेफ़रेंस दी। दरअसल, यहां पर कई अच्छे कॉलेज हैं। यही नहीं, इन कॉलेज में अच्छे कोर्स भी हैं। वहीं, क्राउड के मामले में भी ईस्ट कैंपस के कॉलेज साउथ और नार्थ कैंपस से कम नहीं हैं। वहीं यहां अब पहुंचना भी ईजी हो गया है। 

डिस्क हैं बेशुमार 
यूथ को डिस्क व पब सबसे ज्यादा अट्रैक्ट करते हैं। आज से कुछ साल पहले तक यंर्गस्टर्स साउथ के डिस्क व पब में जाना पसंद करते थे। दरअसल, यहां पर इस तरह की फैसिलिटीज नहीं थी। लेकिन पिछले दो साल में यहां डिस्क व पब की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। स्टूडेंट सुहेला चौधरी कहती हैं कि जब भी किसी दोस्त की बर्थ डे पार्टी या हैंगआउट के लिए उनका डिस्क जाने का प्लान बनता था, वह लोग साउथ की ओर रुख करते थे। लेकिन अब वी3एस, ईडीएम, क्रॉसरीवर और पैसिफिक मॉल में डिस्क व पब खुल गए हैं। वहीं, यह बहुत ही रिजनेबल भी हैं। वहीं, स्टूडेंट साइमा चौधरी मानती हैं कि एक समय था जब हमें पैरंट्स घर से निकलने के लिए रोकते थे। हर वक्त यमुनापार के माहौल की बात की जाती थी। लेकिन अब ऐसा नही है, क्योंकि ईस्ट दिल्ली का माहौल पूरी तरह बदल चुका है। कॉलेज में हम ग्रुप में घूमते हैं, मौज-मस्ती करते हैं। 

कॉलेज हैं कई 
अब ईस्ट दिल्ली में आपके दर्जनों कॉलेज व इंस्टिट्यूट मिल जाएंगे। इन कॉलेज में पूरी दिल्ली से स्टूडेंट्स पढ़ने आते हैं। स्टूडेंट जूही निसात कहती हैं कि कुछ टाइम पहले ईस्ट दिल्ली में गिने चुने कॉलेज होते थे। लेकिन अब तो अंबेडकर कॉलेज, महाराजा अग्रसेन, श्यामलाल कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज, सुखदेव कॉलेज जैसे कई बड़े कॉलेज हैं। वहीं, प्राइवेट इंस्टिट्यूट भी बहुत ज्यादा हैं।

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