लोन के लिए कुछ शर्तें पूरी करनी पड़ती हैं। बैंक भी अपनी रकम की वापसी की गारंटी चाहता है, इसलिए रकम के बदले में प्रॉपर्टी गिरवी रखवा ली जाती है। जानते हैं, यह प्रक्रिया कितनी तरह से पूरी की जा सकती है :
गिरवी (मॉर्गेज) रखने का मतलब अपनी प्रॉपर्टी को बैंक या हाउसिंग फाइनैंस कंपनी के पास लोन की सिक्युरिटी के रूप में बंधक रखना है। फाइनैंस के क्षेत्र में इस शब्द का इस्तेमाल लोन देते वक्त किया जाता है। बैंक भी लोन के रूप में दी गई रकम की सुरक्षा के लिए सबसे पहले मॉर्गेज का ही तरीका अपनाते हैं।
लोन देने वाले बैंक को यह अधिकार होता है कि अगर लोन लेने वाला रकम वापस नहीं करे, तो वह पहले से तय शर्तों के मुताबिक गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी को बेचकर अपना पैसा वसूल सकता है। इसके लिए दोनों पार्टियों के बीच एक लीगल कॉन्ट्रैक्ट भी किया जाता है। लोन के डॉक्यूमेंट तैयार करते वक्त साथ में प्रॉपर्टी गिरवी रखने के डॉक्यूमेंट भी तैयार कर लिए जाते हैं। जिस प्रॉपर्टी के आधार पर लोन दिया जाता है, उस पर पहला हक लोन देने वाले बैंक का होता है। अगर एक से ज्यादा लोन देने वाले हों, तो उनके बीच पारी पासु चार्ज के तहत बंटवारा किया जाता है। ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी ऐक्ट के सेक्शन 58 के मुताबिक, कोई प्रॉपर्टी गिरवी रखने का मतलब सुरक्षा की दृष्टि से उसके मालिकाना हक का ट्रांसफर करना है।
सिंपल मॉर्गेज
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह प्रॉपर्टी को गिरवी रखने का सबसे साधारण तरीका है। इस प्रक्रिया के तहत गिरवी रखी जा रही प्रॉपर्टी लोन देने वाले को ट्रांसफर नहीं की जाती। इसके बजाय, गिरवी रखने वाला इस बात की सहमति प्रदान करता है कि वह अपनी जिम्मेदारी पर लोन की रकम और ब्याज अवश्य लौटाएगा। हालांकि लोन देने वाले को भी यह अधिकार दिया जाता है कि लोन में दी गई रकम के वसूल नहीं होने पर वह गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी को बेच सकता है। वह इस रकम को लोन की रकम के रूप में इस्तेमाल करने का अधिकारी होगा।
इंग्लिश मॉर्गेज
इस प्रक्रिया के तहत गिरवी रखने वाला इस बात की सहमति प्रदान करता है कि वह पहले से तय तारीख पर लोन की रकम और ब्याज चुकाएगा। साथ ही वह प्रॉपर्टी को लोन देने वाले को ट्रांसफर कर देता है। दोनों पार्टियां आपस में समझौता कर लेती हैं कि कितने प्रतिशत रकम का भुगतान होने पर लोन देने वाला, गिरवी रखने वाले को दोबारा प्रॉपर्टी ट्रांसफर कर देगा।
एनोमैलस मॉर्गेज
ऐसी सभी मॉर्गेज, जो सिंपल मॉर्गेज की श्रेणी में नहीं आतीं, एनोमैलस मॉर्गेज कहलाती हैं। इनमें मॉर्गेज बाई कंडिशनल सेल, मॉर्गेज बाई डिफाल्ट वगैरह को शामिल किया जा सकता है।
मॉर्गेज बाई डीड
जब कोई व्यक्ति सुरक्षा कारणों से अपनी प्रॉपर्टी के कागजात लोन देने वाले को दे देता है, तो इस ट्रांजेक्शन को 'मॉर्गेज बाई डिपॉजिट ऑफ टाइटिल डीड्स' कहते हैं।
गिरवी (मॉर्गेज) रखने का मतलब अपनी प्रॉपर्टी को बैंक या हाउसिंग फाइनैंस कंपनी के पास लोन की सिक्युरिटी के रूप में बंधक रखना है। फाइनैंस के क्षेत्र में इस शब्द का इस्तेमाल लोन देते वक्त किया जाता है। बैंक भी लोन के रूप में दी गई रकम की सुरक्षा के लिए सबसे पहले मॉर्गेज का ही तरीका अपनाते हैं।
लोन देने वाले बैंक को यह अधिकार होता है कि अगर लोन लेने वाला रकम वापस नहीं करे, तो वह पहले से तय शर्तों के मुताबिक गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी को बेचकर अपना पैसा वसूल सकता है। इसके लिए दोनों पार्टियों के बीच एक लीगल कॉन्ट्रैक्ट भी किया जाता है। लोन के डॉक्यूमेंट तैयार करते वक्त साथ में प्रॉपर्टी गिरवी रखने के डॉक्यूमेंट भी तैयार कर लिए जाते हैं। जिस प्रॉपर्टी के आधार पर लोन दिया जाता है, उस पर पहला हक लोन देने वाले बैंक का होता है। अगर एक से ज्यादा लोन देने वाले हों, तो उनके बीच पारी पासु चार्ज के तहत बंटवारा किया जाता है। ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी ऐक्ट के सेक्शन 58 के मुताबिक, कोई प्रॉपर्टी गिरवी रखने का मतलब सुरक्षा की दृष्टि से उसके मालिकाना हक का ट्रांसफर करना है।
सिंपल मॉर्गेज
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह प्रॉपर्टी को गिरवी रखने का सबसे साधारण तरीका है। इस प्रक्रिया के तहत गिरवी रखी जा रही प्रॉपर्टी लोन देने वाले को ट्रांसफर नहीं की जाती। इसके बजाय, गिरवी रखने वाला इस बात की सहमति प्रदान करता है कि वह अपनी जिम्मेदारी पर लोन की रकम और ब्याज अवश्य लौटाएगा। हालांकि लोन देने वाले को भी यह अधिकार दिया जाता है कि लोन में दी गई रकम के वसूल नहीं होने पर वह गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी को बेच सकता है। वह इस रकम को लोन की रकम के रूप में इस्तेमाल करने का अधिकारी होगा।
इंग्लिश मॉर्गेज
इस प्रक्रिया के तहत गिरवी रखने वाला इस बात की सहमति प्रदान करता है कि वह पहले से तय तारीख पर लोन की रकम और ब्याज चुकाएगा। साथ ही वह प्रॉपर्टी को लोन देने वाले को ट्रांसफर कर देता है। दोनों पार्टियां आपस में समझौता कर लेती हैं कि कितने प्रतिशत रकम का भुगतान होने पर लोन देने वाला, गिरवी रखने वाले को दोबारा प्रॉपर्टी ट्रांसफर कर देगा।
एनोमैलस मॉर्गेज
ऐसी सभी मॉर्गेज, जो सिंपल मॉर्गेज की श्रेणी में नहीं आतीं, एनोमैलस मॉर्गेज कहलाती हैं। इनमें मॉर्गेज बाई कंडिशनल सेल, मॉर्गेज बाई डिफाल्ट वगैरह को शामिल किया जा सकता है।
मॉर्गेज बाई डीड
जब कोई व्यक्ति सुरक्षा कारणों से अपनी प्रॉपर्टी के कागजात लोन देने वाले को दे देता है, तो इस ट्रांजेक्शन को 'मॉर्गेज बाई डिपॉजिट ऑफ टाइटिल डीड्स' कहते हैं।
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