वरिष्ठ संवाददाता ॥ नई दिल्ली
एमसीडी फ्लोर वाइज नक्शे पास करेगी। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। लोगों के सुझाव के लिए इस ड्राफ्ट प्रपोजल को वेबसाइट पर डाला जाएगा। एमसीडी की स्थायी समिति के अध्यक्ष योगेंद्र चंदोलिया का कहना है कि 30 दिन बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।
यह प्रस्ताव लागू हुआ तो आपको अपने फ्लोर पर अपने अनुसार बदलाव कराने के लिए अपने ऊपर या नीचे वाले फ्लोर के मालिकों से इजाजत नहीं लेनी होगी। फ्लोर वाइज नक्शे पास करने के मामले में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उसमें 1983 के बिल्डिंग बाईलॉज और मास्टर प्लान-2021 का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है। साथ ही अन्य संबंधित विभागों से इसे अनुमति मिल चुकी है या नहीं। इस नियम के तहत वे मामले भी आएंगे जिनमें कोई अपने घर के ऊपर अतिरिक्त फ्लोर का निर्माण नए तरीके से करना चाहता हो। इसके लिए वह अलग से नक्शा पास करवा सकेगा। इन मामलों में यह देखा जाएगा कि पहले से बना हुआ घर अनाधिकृत तो नहीं है। फ्लोर वाइज नक्शे के लिए आवेदन करने वालों को पूरी बिल्डिंग का स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेट भी जमा कराना होगा, जो कि किसी स्ट्रक्चरल इंजीनियर से लिया गया हो। ऐप्लिकेशन के साथ इंजीनियर द्वारा तैयार एक एफिडेविट देना होगा जिसमें वह यह सुनिश्चित करेगा कि मैंने खुद जांच करने के बाद बिल्डिंग को अतिरिक्त निर्माण के लिए सुरक्षित पाया है।
स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेट के लिए एमसीडी के पैनल में शामिल 45 स्ट्रक्चरल इंजीनियरों और पांच संस्थानों - आईआईटी दिल्ली, सीबीआरआई रुड़की, राइट्स दिल्ली, नैशनल काउंसिल फॉर सीमेंट एंड बिल्डिंग मटीरियल फरीदाबाद और आईआईटी रुड़की से संपर्क किया जा सकता है। चंदोलिया का कहना है कि अगर कोई अपने घर के लिए यह सर्टिफिकेट लेना चाहता है तो वह एमसीडी के पैनल में शामिल इंजीनियरों से सीधे इंस्पेक्शन कराकर सर्टिफिकेट ले सकता है, लेकिन अगर एमसीडी को इसमें कोई खामी नजर आई अथवा निर्माण को लेकर कोई विवाद हुआ तो पांच मान्यता प्राप्त संस्थानों से इंस्पेक्शन कराया जाएगा। जहां तक बड़ी व कमर्शल बिल्डिंगों का सवाल है तो इनके लिए इन संस्थानों से ही सर्टिफिकेट लेना जरूरी होगा।
एमसीडी फ्लोर वाइज नक्शे पास करेगी। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। लोगों के सुझाव के लिए इस ड्राफ्ट प्रपोजल को वेबसाइट पर डाला जाएगा। एमसीडी की स्थायी समिति के अध्यक्ष योगेंद्र चंदोलिया का कहना है कि 30 दिन बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।
यह प्रस्ताव लागू हुआ तो आपको अपने फ्लोर पर अपने अनुसार बदलाव कराने के लिए अपने ऊपर या नीचे वाले फ्लोर के मालिकों से इजाजत नहीं लेनी होगी। फ्लोर वाइज नक्शे पास करने के मामले में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उसमें 1983 के बिल्डिंग बाईलॉज और मास्टर प्लान-2021 का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है। साथ ही अन्य संबंधित विभागों से इसे अनुमति मिल चुकी है या नहीं। इस नियम के तहत वे मामले भी आएंगे जिनमें कोई अपने घर के ऊपर अतिरिक्त फ्लोर का निर्माण नए तरीके से करना चाहता हो। इसके लिए वह अलग से नक्शा पास करवा सकेगा। इन मामलों में यह देखा जाएगा कि पहले से बना हुआ घर अनाधिकृत तो नहीं है। फ्लोर वाइज नक्शे के लिए आवेदन करने वालों को पूरी बिल्डिंग का स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेट भी जमा कराना होगा, जो कि किसी स्ट्रक्चरल इंजीनियर से लिया गया हो। ऐप्लिकेशन के साथ इंजीनियर द्वारा तैयार एक एफिडेविट देना होगा जिसमें वह यह सुनिश्चित करेगा कि मैंने खुद जांच करने के बाद बिल्डिंग को अतिरिक्त निर्माण के लिए सुरक्षित पाया है।
स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेट के लिए एमसीडी के पैनल में शामिल 45 स्ट्रक्चरल इंजीनियरों और पांच संस्थानों - आईआईटी दिल्ली, सीबीआरआई रुड़की, राइट्स दिल्ली, नैशनल काउंसिल फॉर सीमेंट एंड बिल्डिंग मटीरियल फरीदाबाद और आईआईटी रुड़की से संपर्क किया जा सकता है। चंदोलिया का कहना है कि अगर कोई अपने घर के लिए यह सर्टिफिकेट लेना चाहता है तो वह एमसीडी के पैनल में शामिल इंजीनियरों से सीधे इंस्पेक्शन कराकर सर्टिफिकेट ले सकता है, लेकिन अगर एमसीडी को इसमें कोई खामी नजर आई अथवा निर्माण को लेकर कोई विवाद हुआ तो पांच मान्यता प्राप्त संस्थानों से इंस्पेक्शन कराया जाएगा। जहां तक बड़ी व कमर्शल बिल्डिंगों का सवाल है तो इनके लिए इन संस्थानों से ही सर्टिफिकेट लेना जरूरी होगा।
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