Monday, June 27, 2011

350 करोड़ रुपये में बिका नेपियंसी रोड का बंगला- Navbharat Times

350 करोड़ रुपये में बिका नेपियंसी रोड का बंगला- Navbharat Times

मुंबई।। नेपियंसी रोड का एक बंगला साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये में बिका है। ये अपने आप में एक रेकॉर्ड है और मुंबई में जमीन की कीमत का एक उच्चांक भी। आधे एकड़ जमीन पर बना यह बंगला 'कपाडि़या बंगले' को नाम से जाना जाता है। इस बंगले को रुनवाल ग्रुप ने खरीदा है। बंगले के मालिक को रुनवाल बिल्डर ने 270 करोड़ रुपये की पहली किश्त अदा भी कर दी है।

सौदे से पहले यह बंगला बिजनेसमैन जयसिंह कपाडि़या और उनकी फैमली की मिलकियत था। कपाडि़या परिवार ने इसकी शुरुआती कीमत 700 करोड़ रुपये लगाई थी। यह सौदा पूरा होने में तकरीबन एक साल लगा, क्योंकि बंगले के एक को-ओनर को इस सौदे पर आपत्ति थी। इसी बंगले में किराए से रह रहा लालानी परिवार ने भी कॉम्पेंसेशन मांग रहा था। 14 सदस्यों वाले लालानी परिवार के पास बंगले के 7000 स्क्वेयर फुट का कब्जा था। इसमें से 5000 स्क्वेयर फुट बिल्टअप एरिया और 2000 स्क्वेयर फुट ओपन स्पेस था। इस जगह को खाली करने के लिए लालानी परिवार को 80 करोड़ रुपये कॉम्पेंसेशन दिया गया। प्रॉपर्टी रजिस्टार ऑफिस और रुनवाल ग्रुप के एमडी संदीप रुनवाल ने इस डील की पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने सौदे का ब्योरा देने से इनकार कर दिया।

जानकारों का कहना है कि यह शहर की ही नहीं देश की सबसे मंहगी रीयल इस्टेट डील हो सकती है। अगर स्क्वेयर फुट में इसकी कीमत को विभाजित किया जाए तो नेपियंसी रोड के इस बंगले की जमीनी कीमत 1.58 लाख रुपये प्रति स्क्वेयर फुट आती है। जाहिर है मुंबई में हुए अब तक के जमीनी सौदों में यह सबसे महंगा सौदा है। रुनवाल बिल्डर की योजना इस बंगले की जमीन पर आलीशान रिहायशी टॉवर बनाने की है। हालांकि यह जमीन सीआरजेड टू के अंतर्गत आती है।


कपाडि़या बंगले का इतिहास
कपाडि़या बंगले का निर्माण 1918 में एक किसी तत्कालीन राजघराने ने कराया था और वही इस बंगले का पहलामालिक भी था। कपाडि़या परिवार इस बंगले का दूसरा मालिक है। इन्होंने यह बंगला 1938 में खरीदा था।पिछले एक साल से कपाडि़या परिवार इस बंगले को बेचना चाहता था और रुनवाल ग्रुप हर हाल में इस बंगलेको खरीदना चाहता था। पिछले साल खबर आई थी कि कपाडि़या परिवार और रुनवाल ग्रुप के बीच ढाई सौकरोड़ रुपये में डील फाइनल हो गई है , लेकिन तब रुनवाल ग्रुप की ओर से इस खबर को महज अफवाह बतायागया था।


फायदे का या घाटे का सौदा ?
आधा एकड़ जमीन के लिए इतनी मोटी कीमत चुकाए जाने के बाद सबसे पहले सवाल यह उठता है कि क्या इससौदे में बिल्डर को फायदा होगा ? इस सवाल के जवाब में रीयल इस्टेट मार्केट के विश्लेषकों का कहना है रुनवालबिल्डर को अच्छा - खासा फायदा होगा। प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी फर्म जॉन्स लेंग लासाली इंडिया के चेयरमैन और कंट्रीहेड अनुज पुरी कहते हैं कि यह डील दिखने में भले ही काफी एग्रेसिव है लेकिन अगर डिवेलपर एक लाख स्क्वेयरफुट जगह डिवेलप करने में कामयाब हो जाता है तो वह सिर्फ लागत वसूलेगा बल्कि अच्छा खासा प्रॉफिटमार्जिन भी कमाएगा।

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