प्रस ॥ जनकपुरी
करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी में 61 साल की महिला को गिरफ्तार किया गया है। उसने अपनी कोठी को बैंक में गिरवी रखने के बाद कई लोगों को बेच दी थी।
अडिशनल कमिश्नर (वेस्ट) वी. रंगनाथन के मुताबिक, एक बिल्डर कंपनी ने जनकपुरी थाने में कंप्लेंट दी थी। कंपनी के डायरेक्टर मयूर जैन ने पुलिस को बताया कि उन्होंने ऊषा जौहरी नामक महिला और उनके बेटे डॉ. यश जौहरी से उनका घर खरीदा था। जनकपुरी के सी-1 में स्थित इस घर की कीमत एक करोड़ 64 लाख रुपये अदा कर दी गई। पर जब कंपनी के लोग वहां पहुंचे तो घर पर कोई और मिला। उसने कंपनी के कर्मचारियों को दस्तावेज दिखाते हुए बताया कि यह घर उन्होंने खरीदा है। ऊषा और उनके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई।
अडिशनल कमिश्नर ने बताया कि केस पिछले साल 13 अक्टूबर को दर्ज किया गया था। आरोपी फरार थे, उनके खिलाफ गैर जमानती वॉरंट भी जारी हुआ था। एसएचओ राजेंद्र पठानिया की टीम ने ऊषा को जीवन पार्क से गिरफ्तार कर लिया। उनके पति स्वर्गीय वी. एम. जौहरी डॉक्टर थे। उनके तीनों बेटे डॉक्टर हैं, जिनमें दो विदेश में हैं। अडिशनल कमिश्नर के मुताबिक, ऊषा ने कोठी की 12 सेल डीड बनाकर पांच लोगों को बेच दी थी। करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। इस रकम से वह अपने दो बेटों का विदेश में खर्च पूरा करना चाहती थी। यश की तलाश जारी है।
करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी में 61 साल की महिला को गिरफ्तार किया गया है। उसने अपनी कोठी को बैंक में गिरवी रखने के बाद कई लोगों को बेच दी थी।
अडिशनल कमिश्नर (वेस्ट) वी. रंगनाथन के मुताबिक, एक बिल्डर कंपनी ने जनकपुरी थाने में कंप्लेंट दी थी। कंपनी के डायरेक्टर मयूर जैन ने पुलिस को बताया कि उन्होंने ऊषा जौहरी नामक महिला और उनके बेटे डॉ. यश जौहरी से उनका घर खरीदा था। जनकपुरी के सी-1 में स्थित इस घर की कीमत एक करोड़ 64 लाख रुपये अदा कर दी गई। पर जब कंपनी के लोग वहां पहुंचे तो घर पर कोई और मिला। उसने कंपनी के कर्मचारियों को दस्तावेज दिखाते हुए बताया कि यह घर उन्होंने खरीदा है। ऊषा और उनके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई।
अडिशनल कमिश्नर ने बताया कि केस पिछले साल 13 अक्टूबर को दर्ज किया गया था। आरोपी फरार थे, उनके खिलाफ गैर जमानती वॉरंट भी जारी हुआ था। एसएचओ राजेंद्र पठानिया की टीम ने ऊषा को जीवन पार्क से गिरफ्तार कर लिया। उनके पति स्वर्गीय वी. एम. जौहरी डॉक्टर थे। उनके तीनों बेटे डॉक्टर हैं, जिनमें दो विदेश में हैं। अडिशनल कमिश्नर के मुताबिक, ऊषा ने कोठी की 12 सेल डीड बनाकर पांच लोगों को बेच दी थी। करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। इस रकम से वह अपने दो बेटों का विदेश में खर्च पूरा करना चाहती थी। यश की तलाश जारी है।
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