Friday, May 13, 2011

अकाउंट लिंक्ड होम लोन से हो जाए आसानी-प्रॉपर्टी-बिज़नस-Navbharat Times

अकाउंट लिंक्ड होम लोन से हो जाए आसानी-प्रॉपर्टी-बिज़नस-Navbharat Times

इस बात में कोई दो राय नहीं हैं कि घर खरीदना आम आदमी की जिंदगी का सबसे बड़ा इनवेस्टमेंट होता है। हालांकि वह यह रकम इनवेस्टमेंट की बजाय जरूरत के लिहाज से ज्यादा खर्च करता है। क्या आप जानते हैं कि होम लोन की एक स्कीम ऐसी भी होती है, जिससे आप ब्याज के रूप में कुछ रकम बचा सकते हैं। साथ ही आपको लोन चुकाने की आजादी भी जल्दी हासिल होगी।

अगर आप भी मकान खरीदने की सोच रहे हैं, तो हो सकता है कि इसकी लंबी अवधि, मोटी ईएमआई और ब्याज दर का ख्याल आते ही आप परेशान हो उठें। कुछ लोग ज्यादा लंबे समय तक लोन से बंधकर नहीं रहना चाहते, लेकिन कम समय के लिए लोन लेने का मतलब होता है हर महीने किस्त के लिए मोटी रकम का इंतजाम करना। कुल मिलाकर, एक तरफ कुआं, तो दूसरी तरफ खाई। यह मुश्किल थोड़ी कम की जा सकती है 'बैंक अकाउंट लिंक्ड होम लोन' से। इस स्कीम के तहत होम लोन लेने से न सिर्फ कुछ इंटरेस्ट बचाया जा सकता है, बल्कि नियमित होम लोन के मुकाबले लोन जल्दी वापस करना भी संभव होता है।

समय और पैसे की बचत
बैंक अकाउंट से लिंक होम लोन लेने के लिए आपको उस बैंक में करंट अकाउंट खोलना होता है, जिससे आप होम लोन ले रहे हैं। इसके बाद हर महीने लोन की किस्त इस अकाउंट से डेबिट कर ली जाएगी। ईएमआई काटकर जो रकम बचेगी, उसे हर महीने लोन की बाकी मूल रकम (प्रिंसिपल अमाउंट) में अडजस्ट कर दिया जाएगा। इस कम हुई रकम पर ही ब्याज लगेगा, यानी आपको इंटरेस्ट के रूप में कम रकम चुकानी होगी। ब्याज में हर महीने होने वाली यह बचत की रकम प्रिंसिपल को अडजस्ट करने में काम आ सकती है। इस तरह, जब भी आपके पास करंट अकाउंट में जमा करने के लिए अतिरिक्त रकम हो, तुरंत जमा कर दें। इससे अंत में आपके लोन वापसी की अवधि भी कम होगी।

ब्याज की कैलकुलेशन
बैंक अकाउंट लिंक्ड होम लोन पर इंटरेस्ट की कैलकुलेशन डेली बेसिस पर की जाती है, यानी रोजाना कम होते बैलेंस के आधार पर ब्याज लगाया जाता है। इसके लिए आपके लोन की बाकी रकम में से आपके अकाउंट में मौजूद अतिरिक्त रकम को घटाकर जितना अमाउंट बचेगा, उस पर इंटरेस्ट कैलकुलेट किया जाएगा। मान लीजिए, आपका 7 लाख का लोन बाकी है और आपके अकाउंट में से ईएमआई निकालने के बाद 10,000 रुपये बचते हैं, तो 6 लाख 90 हजार रुपये के लोन पर ब्याज लगेगा। इस स्कीम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि भले ही आपके अकाउंट में एक दिन के लिए अतिरिक्त रकम जमा हुई हो, लेकिन डेली मैथड से ब्याज के रूप में काफी रकम बच जाती है।

अकाउंट की स्थिति
कई लोगों के मन में यह सवाल उठ सकता है कि होम लोन के साथ जोड़ देने से उनका यह बैंक अकाउंट केवल इसी मतलब के लिए रह जाएगा या कहें कि उन्हें केवल लोन की रकम चुकाने के लिए यह अकाउंट खोलना होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। होम लोन से जुड़े होने के बावजूद आप अपने अकाउंट को सामान्य खाते की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। आप जब चाहें, इसमें रकम जमा कर या निकाल सकते हैं। कई बैंक तो इसमें मिनिमम अमाउंट रखने की शर्त भी नहीं लगाते। इसके अलावा, आपको बाकायदा चेक बुक, डेबिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग आदि की सुविधाएं भी दी जाएंगी।

ज्यादा फायदे के लिए
यह सच है कि इस स्कीम के तहत आप अपना लोन ज्यादा जल्दी चुका सकते हैं और कुछ रकम बचा भी सकते हैं, लेकिन ज्यादा फायदे के लिए आपको इस अकाउंट में जमा रकम की मात्रा बढ़ानी होगी, यानी इस खाते में बहुत कम पैसा नहीं होना चाहिए। हो सकता है कि इसके लिए आपको अपने सारे फाइनैंशल रिसोर्सेज इस अकाउंट तक सीमित करने पड़ें, जैसे : आपकी सैलरी, डिविडेंड इनकम आदि। इसके अलावा कैश की जगह क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें, तो सही रहेगा।

रखें ध्यान
1. अगर आप किसी भावनात्मक कारण से यह लोन नियमित अवधि से पहले खत्म करना चाहते हैं या फिर पहला लोन खत्म करके दूसरे लोन से फिर प्रॉपटीर् लेना चाहते हैं, तो आपके लिए यह स्कीम सही रहेगी।

2. यह देखें कि जो रकम आप करंट अकाउंट में जमा करेंगे, उसे कहीं और इनवेस्ट करने पर क्या आपको ज्यादा रिटर्न मिलेगा? अगर मिलेगा, तो इस स्कीम को छोड़कर रेगुलर होम लोन चुनें।

3. अगर आप निवेश के पारंपरिक तरीकों में ही यकीन रखते हैं और अपने पैसे को लंबे समय तक बैंक अकाउंट में ही जमा रहने देते हैं, तो स्कीम अच्छी है।

4. इस स्कीम के तहत आपको टैक्स में छूट की रकम से भी समझौता करना पड़ सकता है, क्योंकि रेग्युलर होम लोन पर चुकाए गए ब्याज से आपको ज्यादा छूट मिलती।

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