एड्रेस प्रूफ के लिए चाहिए सिर्फ अठन्नी-अन्य ख़बरें-दिल्ली-दिल्ली-Navbharat Times
एड्रेस प्रूफ के रूप में क्या आपको पता है कि सिर्फ अठन्नी खर्च कर आप बड़ी आसानी से अपना वोटर आईडी कार्ड बनवा सकते हैं। इस प्रक्रिया में आपको एड्रेस प्रूफ देने की भी जरूरत नहीं होगी। अगर आपके पास एड्रेस प्रूफ के तौर पर जमा कराने के लिए कोई दस्तावेज नहीं है तो आप सिर्फ 50 पैसे खर्च कर अपने ही पते पर अपने आप पोस्टकार्ड लिखकर पोस्ट कर सकते हैं। डाकिया जब आपके घर यह पोस्टकार्ड दे जाएगा तो इसे आप फॉर्म नंबर-6 भरते वक्त एड्रेस प्रूफ के तौर पर जमा करा सकते हैं। ज्यादातर लोगों को इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी नहीं है। लोग एड्रेस प्रूफ बनवाने के लिए अपने मकान मालिक आदि से गुहार करते हैं और बेवजह एफिडेविट बनवाने के नाम पर दलालों के चक्कर में पड़कर 50 से 200 रुपये खर्च कर डालते हैं।
असल में यह समस्या पैदा हो रही है चुनाव कार्यालय की नासमझी की वजह से। चुनाव आयोग यूथ वोटर कैंपेन और नैशनल वोटर्स डे के नाम पर देशभर में करोड़ों रुपये तो बर्बाद कर देता है, मगर वोटर बनने वाले लोगों को जागरूकता का जो पाठ पढ़ाया जाना चाहिए उसकी जानकारी नहीं देता। यह नियम काफी पुराना है कि वोटर बनने के लिए जब फॉर्म नंबर-6 भरा जाता है तो उसमें एड्रेस प्रूफ के तौर पर सरकारी टेलिफोन कंपनी का बिल, बिजली या पानी का बिल, ड्राइविंग लाइसेंस या फिर पासपोर्ट आदि को जमा कराया जा सकता है। इसके साथ ही नियम यह भी कहता है कि अगर किसी के पास इनमें से कोई भी दस्तावेज नहीं है तो वह अपने पते पर आए हुए पोस्टकार्ड को भी एड्रेस प्रूफ के रूप में जमा करा सकता है। इसके लिए 50 पैसे के पोस्टकार्ड से लेकर स्पीड पोस्ट आदि को जमा कराया जा सकता है। यह पोस्टकार्ड फॉर्म-6 भरने वाला व्यक्ति खुद ही लिखकर अपने पते पर पोस्ट कर सकता है। लेकिन इस नियम के बारे में न तो वोटर रजिस्ट्रेशन एंड एपिक सेंटर (वीआरईसी) में लोगों को फॉर्म नंबर-6 देते वक्त बताया जाता है और न ही समरी रिविजन में।ऑनलाइन फॉर्म नंबर-6 की प्रक्रिया में भी इस बात का कहीं कोई जिक्र नहीं है। सबसे ज्यादा समस्या ऐसे लोगों को हो रही है जो दिल्ली में किराए पर आकर रह रहे हैं और उनके मकान मालिक उन्हें एड्रेस प्रूफ के नाम पर कोई भी दस्तावेज देने के लिए तैयार नहीं होते हैं। एड्रेस प्रूफ के लिए मांगे जाने वाले दस्तावेजों में राशन कार्ड का भी जिक्र है। लेकिन इसमें एक परेशानी यह है कि राशन कार्ड तभी मान्य होगा जब एड्रेस प्रूफ बताने वाला अन्य कोई सरकारी दस्तावेज उसके साथ लगा होगा। यानी जब राशन कार्ड की कोई अहमियत ही नहीं है तो फिर इसे एडे्रस प्रूफ के नामों वाली लिस्ट में डाला ही क्यों गया है। दिल्ली की मुख्य चुनाव अधिकारी रीना रे का कहना है कि नए फॉर्म नंबर-6 में हम इस बात का उल्लेख करेंगे कि आपके घर पर आए पोस्टकार्ड को भीना जाएगा।
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