Wednesday, March 2, 2011

दिल्ली-NCR में मिलेंगे सस्ते मकान!-प्रॉपर्टी न्यूज-प्रॉपर्टी-Economic Times Hindi

दिल्ली-NCR में मिलेंगे सस्ते मकान!-प्रॉपर्टी न्यूज-प्रॉपर्टी-Economic Times Hindi



नई दिल्ली : बजट में 25 लाख तक के मकान के लिए 15 लाख रुपए तक लोन लेने में रियायत की घोषणा को रियल एस्टेट सेक्टर ने हाथोंहाथ लिया है। दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय ज्यादातर रियलटर्स और विशेषज्ञों का मानना है कि इस इलाके में सबसे ज्यादा मांग अफोर्डेबल सेगमेंट में है और बजट के प्रावधानों से रियल एस्टेट डेवलपर्स अफोर्डेबल परियाजनाएं लाने को उत्साहित होंगे। सस्ते मकानों की सबसे ज्यादा मांग एनएच 58 और एनएच 24 पर आने की संभावना जताई जा रही है।

रियल एस्टेट सेक्टर पर बजट के असर के बारे में रियल एस्टेट कंसल्टिंग फर्म कुशमेन एंड वेकफील्ड, इंडिया के कार्यकारी निदेशक कौस्तव राय ने कहा, 'जहां तक आवास क्षेत्र का सवाल है तो बजट का पूरा फोकस अफोर्डेब सेगमेंट पर रहा है। केंद्रीय बजट ने रिहायशी क्षेत्र और इसमें भी खास तौर पर प्राथमिकता वाले अफोर्डेबल सेक्टर को ब्याज में खासी छूट दी है।'

राय ने कहा कि बड़े शहरों के पास बने उपनगरों में अब भी 25 लाख रुपए तक की रेंज में मकान उपलब्ध हैं। ऐसी जगहों पर आवासीय परियोजनाओं और मकानों की मांग में तेजी आएगी। बजट में अधिसूचित योजना के तहत अफोर्डेबल हाउसिंग विकसित करने वाले डेवलपर्स को इनवेस्टमेंट लिंक्ड डिडक्शन देने के प्रस्ताव से डेवलपर्स इस तरह के मकान बनाने के प्रोत्साहित होंगे।

यूनिटेक के प्रबंध निदेश संजय चंदा ने कहा, 'बजट से आने वाले दिनों में घरों की मांग बढ़ेगी और इस बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए हम तैयार हैं।'

गाजियाबाद में राजनगर एक्सटेंशन में बड़े पैमाने पर अफोर्डेबल मकान बना रहे बिल्डरों की एसोसिएशन के प्रवक्ता मनु गर्ग ने कहा, 'हालांकि बजट में सीधे तौर पर रियल एस्टेट को कोई खास सौगात नहीं मिली है लेकिन 20 लाख की जगह 25 लाख रुपए तक के मकान पर लिए जाने वाले लोन को प्राथमिकता वाले क्षेत्र में शामिल करने से एलआईजी श्रेणी के मकानों की मांग में तेजी आएगी। इससे एनएच 58 और एनएच 24 के आसपास के कई इलाकों को फायदा मिल सकता है।'

पार्श्वनाथ डेवलपर्स के चेयरमैन प्रदीप जैन ने कहा कि 2011-12 के बजट में बुनियादी ढांचा क्षेत्र और रियल एस्टेट सेक्टर पर खास ध्यान दिया गया है, इसके लिए हम वित्त मंत्री के आभारी हैं। यह साफ दिखाई दे रहा है कि आने वाले समय में डेवलपर्स को भी अफोर्डेबल हाउसिंग परियोजनाओं पर फोकस करना पड़ेगा। इसके अलावा बैंकों को अपने कुल कर्ज का 20 फीसदी प्राथमिकता वाले क्षेत्र को देने के लिए कहा गया है, इससे भी मांग में तेजी आएगी।

रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक सीएमडी आर के अरोड़ा की राय बाकी लोगों से कुछ अलग है। अरोड़ा ने कहा कि बजट में बिल्डरों के लिए कुछ भी नहीं है। लगातार दो साल की मंदी झेलने के बाद बिल्डरों को बजट में राहत की उम्मीद थी, लेकिन प्रणव दा ने ऐसा कुछ नहीं किया। इस बजट से बिल्डरों को इससे बहुत निराशा हुई है।

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