Monday, March 21, 2011

घर की तलाश में हैं तो इनकी मदद लें-प्रॉपर्टी-बिज़नस-Navbharat Times

घर की तलाश में हैं तो इनकी मदद लें-प्रॉपर्टी-बिज़नस-Navbharat Times



मकान खरीदना ऐसी शॉपिंग है, जिसमें बिका हुआ माल न तो वापस करने की गुंजाइश होती है और न ही बदलने की। यह खरीदारी बिल्कुल सही हो, इसलिए भरपूर होमवर्क जरूरी है। इसके लिए इंटरनेट और प्रॉपर्टी एक्सपो जैसे संसाधन कारगर साबित होते हैं।

रीयल एस्टेट में जितने विकल्प हैं, उतना ही ज्यादा कन्फ्यूजन भी है। ढेरों बिल्डर्स और हजारों फ्लैट। हर किसी के अपने-अपने दावे, वादे, फायदे और नुकसान। हर डिवेलपर खुद को दूसरे से बेहतर बताने को तैयार। जाहिर है कि कोई भी कन्फ्यूज हो जाएगा। अगर आप भी फैसला नहीं ले पा रहे हैं, तो शायद प्रॉपर्टी के सर्वे को लेकर नजरिया बदलने की जरूरत है।

अगर आप पहली बार प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो बहुत संभव है कि आपके साथ धोखा हो जाए। इससे बचने के लिए बेहतर यही रहेगा कि एक बार पूरी तसल्ली से मार्केट सर्वे कर लें। इसके लिए लोकेशन पर खुद घूमने के महत्व से इनकार नहीं है, लेकिन समय के साथ विकसित आधुनिक तरीकों ने इस मेहनत को बेकार होने से बचा दिया है। आपका समय और ऊर्जा बेकार नहीं होती और आप केवल चुनिंदा प्रॉपर्टी देखने ही फील्ड में जाते हैं।

इस तरह आप किसी नतीजे पर जल्दी और आसानी से पहुंच सकते हैं। हालांकि प्रॉपर्टी का मार्केट सर्वे भी आसान नहीं होता। ऐसे में आपको लगेगा कि अगर आपको प्रोजेक्ट्स की जानकारी एक ही जगह मिल जाए, तो क्या कहने! इंटरनेट और प्रॉपर्टी एक्स-पो कुछ ऐसे ही समाधान हैं।

इंटरनेट
जब लोग इंटरनेट पर जीवनसाथी ढूंढ लेते हैं, तो मकान क्यों नहीं! जरूरत चाहे जैसी हो, इंटरनेट पर प्रॉपर्टी के ढेर सारे विकल्प मौजूद हैं। इंटरनेट सर्च से आपको कई विकल्प एक साथ दिखाई देते हैं। सिर्फ इन्हें वास्तव में देखना बाकी रह जाता है।

रहें सावधान

- इंटरनेट को सूचना का जाल कहा जाता है, इसका प्रयोग इस तरह करें कि आप इस जाल में उलझे बिना अपने मतलब की चीज बाहर निकाल लें।

- प्रॉपर्टी साइट्स पर सभी विकल्पों पर नजर डालने की बजाय अपनी प्राथमिकताएं दर्ज कीजिए। इससे सीमित विकल्प ही सामने आएंगे।

- सबसे पहले आपको अपनी पसंद और बजट के हिसाब से यह तय करें कि आखिर आपको चाहिए क्या?

- वेबसाइट्स पर कई प्रॉपर्टी एजेंट्स का रजिस्ट्रेशन होता है, जो ग्राहक की प्रॉपर्टी को अपनी बताकर एडवरटाइज करते हैं। इन नंबरों पर क्वेरी करते समय स्पष्ट पूछें कि प्रॉपर्टी उसी व्यक्ति की है या वह एजेंट है?

- एक ही प्रॉपर्टी डीलर का नंबर कई विज्ञापनों में मिलेगा, लेकिन उसी पर निर्भर रहने की बजाय कई से संपर्क करें।

- अगर आप अनचाही कॉल से परेशान नहीं होना चाहते, तो एसएमएस इत्यादि से क्वेरी भेजने की बजाय एडवरटाइजर का नंबर नोट करके खुद कॉल करें या फिर मेल से क्वेरी करें।

- ज्यादातर वेबसाइट्स पर सर्च ऑप्शंस मुफ्त उपलब्ध हैं। वे एडवरटाइजर्स के रजिस्ट्रेशन से पैसा कमाती हैं, हिट करने वाले कंस्यूमर्स से कोई चार्ज नहीं लेतीं। अगर कोई साइट सर्च करने या एडवरटाइजर्स के नंबर उपलब्ध कराने के लिए रकम की डिमांड करती हैं, तो सावधान रहें और अच्छी तरह पूछताछ कर लें।

- प्रॉपर्टी के ऐड में दिए गए नंबर्स पर कॉल करें और खुद पंसदीदा लोकेशन पर जाकर भी देखें। इसके लिए आप सप्ताह में कोई एक दिन जैसे वीक एंड या रोजाना चंद घंटे रिजर्व रख सकते हैं।

प्रॉपर्टी एक्स-पो
वैसे, तो प्रॉपर्टी एक्स-पो का आयोजन यदा-कदा होता रहा है, लेकिन पिछले कुछ समय से इनकी संख्या अचानक बढ़ गई है। अहम यह है कि लगभग सभी का फोकस अफोर्डेबल हाउसिंग होने लगा है। दरअसल, रीयल एस्टेट और अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट का अब चोली-दामन का साथ हो चला है। इस सेक्टर को यह मंत्र इतना कारगर लगा है कि हर डिवेलपर अफोर्डेबल के नाम पर ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को खींचने की जद्दोजहद में लगा हुआ है।

लोकेशन स्पेसिफिक एक्स-पो भी लगाए जा रहे हैं। इन एग्जिबिशंस में आपको विभिन्न विकल्पों की जानकारी एक ही जगह पर मिल जाती है।

- प्रॉपर्टी एग्जिबिशंस में जाने से पहले ही यह मन बना लें कि आप मेला घूमने नहीं जा रहे, बल्कि अहम फैसला लेना है।

- जल्दबाजी में एग्जिबिशन न घूमें। हर स्टॉल पर समय दें।

- हर डिवेलपर से मौजूदा प्रोजेक्ट, पे-मेंट प्लॉन, डिस्काउंट, पुराने प्रोजेक्ट्स की जानकारी लें।

- डिवेलपर कंपनी के किसी प्रतिनिधि का नंबर ले लें, जिससे प्रोजेक्ट पसंद आने पर आप उससे संपर्क कर सकें।

- हो सके, तो प्रॉपर्टी जैसी बिजनेस ओरिएंटेड एग्जिबिशन में बच्चों को न ले जाएं। चाहे-अनचाहे आपका ध्यान उन्हीं पर रहेगा और कोई जरूरी क्वेरी यूं ही रह जाएगी।

- इस समय ज्यादातर डिवेलपर्स मकान के साथ किसी ऑफर की भी पेशकश कर रहे हैं। इन ऑफर्स पर बारीक निगाह डालें।

- बातचीत के दौरान आप कंपनी की साख को भी परख सकते हैं। स्टॉल पर मौजूद कंपनी के एग्जिक्यूटिव्स के बात करने का तरीका, आपसे किए जा रहे वादे, प्रोजेक्ट्स और रीयल एस्टेट की तकनीकी जानकारियों आदि की समझ से आपको बिल्डर के प्रफेशनल होने का सहज अंदाजा हो जाएगा।

- अपनी सैलरी स्लिप और कुछ जरूरी कागजात की फोटो-स्टेट ले जाएंगे, तो वहां मौजूद होम लोन कंपनियों के स्टॉल से आप अपनी लोन लिमिट का पता कर सकेंगे।

- एग्जिबिशन में ही फ्लैट बुक कराएं, तो पूरी तरह संतुष्ट होकर। यह मेले से कपड़े खरीदने जैसा साधारण नहीं है। किसी भी जल्दबाजी से बचें।

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