Saturday, March 5, 2011

क्या आपने संभाले अपने कागज-प्रॉपर्टी-बिज़नस-Navbharat Times

क्या आपने संभाले अपने कागज-प्रॉपर्टी-बिज़नस-Navbharat Times


प्रॉपर्टी से जुड़े कागजात बरसों की गाढ़ी कमाई से खरीदे गए गहने की तरह होते हैं। इन्हें भी सोने से कम नहीं समझिए। उसी की तरह इन्हें भी संभालना बेहद जरूरी है :

अगर आप कोई प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने की बात करते हैं, तो सबसे पहले जरूरत पड़ती है उसके कागजात की। वो भी सभी असली, फोटोकॉपी नहीं। इतना ही नहीं, कई अन्य कामों के लिए भी इनका महत्व सामने आता है, जैसे- प्रॉपर्टी टैक्स, कैपिटल गेन की कैलकुलेशन आदि। आज बताते हैं कुछ जरूरी कागजों के बारे में :

कन्वेंस या सेल डीड
इस डॉक्युमेंट के माध्यम से प्रॉपर्टी बेचने वाला पक्ष प्रॉपर्टी का टाइटिल खरीदने वाले के नाम करता है। इसकी सहायता से खरीदने वाला पक्ष इस बात की तसल्ली कर सकता है कि टाइटिल वास्तव में प्रॉपर्टी बेचने वाले के नाम ही है या नहीं।

लैंड यूज बदलना
अगर एग्रीकल्चरल लैंड को रेजिडेंशियल या किसी अन्य प्रयोग में लाना हो, तो सबसे पहले इसका लैंड यूज बदलकर इसे नॉन एग्रीकल्चरल लैंड के दायरे में लाना होगा। ऐसा करने के लिए जिस लोकेशन पर प्रॉपर्टी हो, वहां के कलेक्टर से नॉन एग्रीकल्चर ऑर्डर लेना होगा। साथ ही, नॉन एग्रीकल्चर टैक्स भी देना होगा, जिसकी रसीद हमेशा संभालकर रखनी चाहिए।

सोसाइटी से ट्रांसफर
अगर आपके पास किसी को-ऑपरेटिव सोसाइटी के फ्लैट के शेयर हैं, तो उनके ट्रांसफर के लिए अक्सर सोसाइटी से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना पड़ता है। यह सर्टिफिकेट बहुत जरूरी है, इसके बिना आप अपने शेयर किसी अन्य के नाम पर ट्रांसफर नहीं कर सकते।

सर्च रिपोर्ट
कोई वकील सर्च रिपोर्ट तैयार करता है। यह रिपोर्ट प्रॉपर्टी के टाइटिल की जांच करने के लिए तैयार की जाती है। आमतौर पर होम लोन फाइनैंस कंपनी, बैंक या प्रॉपर्टी खरीदने वाला पक्ष इस रिपोर्ट को तैयार कराते हैं। यह रिपोर्ट प्रॉपर्टी के पिछले 30 सालों के इतिहास को सामने ला देती है। केवल सेकंड हैंड प्रॉपर्टी के मामले में ही नहीं, बल्कि डिवेलपर नए प्रोजेक्ट्स को बेचते समय भी एग्रीमेंट टू सेल के साथ सर्च रिपोर्ट भी देता है।

इस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि संबंधित प्रॉपर्टी पर कोई लोन तो नहीं लिया गया है, इस पर कोई कानूनी केस तो नहीं है या फिर किसी तीसरे पक्ष का तो इस पर दावा नहीं है।

7/12 एक्सट्रैक्ट
यह डॉक्युमेंट इलाके के तहसीलदार या अन्य संबंधित लैंड अथॉरिटी जारी करती है। इससे प्रॉपर्टी के सर्वे नंबर, लोकेशन, एरिया, रजिस्ट्री की तारीख आदि की जानकारी मिलती है।

इंडेक्स 2
यह डॉक्युमेंट सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस से जारी किया जाता है। इसमें अभी तक प्रॉपर्टी खरीदने वालों और बेचने वालों के नाम व पते आदि की जानकारी होती है।

इनके अलावा, सोसाइटी फ्लैट के मामलों में शेयर सर्टिफिकेट; सोसाइटी बाई लॉज व सोसाइटी की रजिस्ट्रेशन डिटेल, अन्य मामलों में अलॉटमेंट लेटर, लीज डीड, स्वीकृत बिल्डिंग प्लान, मॉर्गेज परमिशन, पजेशन लेटर, पावर ऑफ अटॉर्नी, टैक्सों की रसीद आदि कागज भी महत्वपूर्ण होते हैं।

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