क्या आपको पता है कि आपका खाली फ्लैट आपको कुछ कमाई करा सकता है और इसके लिए उसे किराये पर देना भी जरूरी नहीं है? आमतौर पर देखा गया है कि जो लोग निवेश के लिहाज से दूसरे शहरों में रिहायशी मकान खरीदते हैं, अक्सर उसे अनजान लोगों को किराए पर देने से कतराते हैं।
उनको डर होता है कि कहीं किराएदार उनके मकान में लंबे समय के लिए न टिक जाए, जिसके चलते बाद में मकान खाली कराने में दिक्कत आए। अगर इस डर से आप भी रिहायशी मकान में निवेश नहीं कर रहे हैं तो आपको सर्विस्ड अपार्टमेंट में निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए।
सर्विस्ड अपार्टमेंट अक्सर बुनियादी सुविधाओं से लैस फ्लैट होता है और छोटी या लंबी अवधि में रहने के लिए उपलब्ध होता है। उसमें रोजमर्रा के काम आने वाली बुनियादी सुविधाएं होती हैं। इन सुविधाओं में कुकिंग रेंज, केतली, माइक्रोवेव ओवन वगैरह से लैस किचन और वॉशिंग मशीन जैसी जरूरी चीजें हो सकती हैं।
अगर आप खाना नहीं बनाना चाहते या रोजमर्रा के छोटे-मोटे कामकाज में आपका मन नहीं लगता तो आप नाश्ता, कपड़ों की धुलाई वगैरह की सुविधा पा सकते हैं।
अमेरिका में शुरू हुआ सर्विस्ड अपार्टमेंट का चलन हमारे यहां 2000 के दशक के शुरुआती वर्षों में जड़ जमाने लगा था। दरअसल, यह वही दौर था जब हमारे यहां कामकाज के लिए आने वाले विदेशियों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी थी। बेहतर गुणवत्ता वाली सुविधाओं और आवभगत की परंपरा को देखते हुए हमारे यहां इस कॉन्सेप्ट को रफ्तार देना काफी आसान है।
कुशमैन एंड वेकफील्ड, इंडिया में रेजिडेंशियल सर्विसेज डायरेक्टर श्वेता जैन कहती हैं, 'इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं कि भारत में सर्विस्ड अपार्टमेंट का कॉन्सेप्ट सबसे पहले दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नै जैसे शहरों ने अपनाया।
यह मार्केट सेगमेंट पूरी तरह से कॉरपोरेट जगत से जुड़ा है। कंपनियां अपने प्रबंधकों और लंबे समय तक काम करने के लिए भारत आने वाले विदेशियों के लिए सर्विस्ड अपार्टमेंट लेती हैं। सर्विस अपार्टमेंट के कॉन्सेप्ट को आईटी/आईटीईएस, बायोटेक्नोलॉजी, सर्विसेज सेक्टर, बीएफएसआई और मेडिकल टूरिज्म से काफी बढ़ावा मिला है।
इस कॉन्सेप्ट को हम अच्छी तरह से समझ गए हैं, लेकिन सर्विस्ड अपार्टमेंट्स की उपलब्धता मांग के मुकाबले काफी कम है।'
बढ़ती मांग
जोन्स लैंग लसाल इंडिया के एमडी (चेन्नई और कोयंबटूर) बादल याज्ञनिक कहते हैं, 'सर्विस्ड अपार्टमेंट का कॉन्सेप्ट मेट्रो और उन बड़े टीयर-2 शहरों में काफी कारगर साबित हुआ है, जहां होटल कमरों का किराया बहुत ज्यादा है। सर्विस्ड अपार्टमेंट्स कॉरपोरेट हॉस्पिटैलिटी सेक्टर का एक उभरता ट्रेंड है। एमएनसी और घरेलू कंपनियों के अधिकारियों का काम के चलते किसी दूसरे शहर जाना काफी अनियमित होता है, इसलिए उनके लिए गेस्टहाउस बनाना फायदेमंद नहीं है।'
इसके अलावा, दफ्तर के काम से शहर से बाहर जाने वालों की जरूरतें आमतौर पर होटल में ठहरने वालों से अलग होती हैं। उनके लिए अक्सर 4 सितारा सुविधाओं वाला सर्विस्ड अपार्टमेंट्स सही विकल्प होता है। याज्ञनिक के मुताबिक, 'सर्विस्ड अपार्टमेंट्स में बिजनेस ट्रैवलर्स के पास सेल्फ कैटरिंग सुविधाओं वाला पूरी तरह सुसज्जित किचन और कई तरह के बेडरूम के चुनाव का विकल्प होता है। ये दफ्तरों के आसपास के होटलों के मुकाबले किफायती भी होते हैं।'
सही ग्राहक का चुनाव
इस समय माकेर्ट में बहुत से ऑपरेटर हैं, जो सर्विस्ड अपार्टमेंट चलाने में मददगार होते हैं। ये सही ग्राहक ढूंढने के अलावा कारोबार और ग्राहकों की आवाजाही बढ़ाने में आपकी मदद करेंगे। जैन के मुताबिक, 'आपके कारोबार को सफल बनाने में किसी विशेषज्ञ की सलाह का अहम रोल हो सकता है। ये ग्राहक तलाशने की सिरदर्दी अपने सिर लेकर कारोबार चलाने में बड़े मददगार साबित होंगे।
यह कारोबार मकान किराए पर देने से एकदम अलग है। अगर आप अकेले ही सर्विस्ड अपार्टमेंट चलाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको मकान के आसपास की कंपनियों के एडमिनिस्ट्रेशन/ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट से संपर्क में रहना होगा। इसके अलावा, आप प्रॉपर्टी किराए पर दिलाने वाली वेबसाइट पर सर्विस्ड अपार्टमेंट के सेगमेंट में इसका विज्ञापन कर सकते हैं। इसके अलावा, आप अपनी वेबसाइट बनाकर सर्विस्ड अपार्टमेंट्स लेने की इच्छुक कंपनियों तक पहुंच सकते हैं।'
महत्वपूर्ण है लोकेशन
तेजी से बढ़ती इकॉनमी और आईटी/आईटीईएस से भारत में कारोबार का प्रबंधन करने वाले विदेशी पेशेवरों की संख्या बढ़ रही है। यही वह तबका है जो देश में सर्विस्ड अपार्टमेंट्स की बढ़ती मांग को बढ़ावा दे रहा है। जैन कहती हैं, 'भारत में खासतौर पर छह बड़े मेट्रो में बेहतर सुविधाओं वाले सर्विस्ड अपार्टमेंट्स की काफी मांग है। इस सेगमेंट में विस्तार की अपार संभावनाएं है, लेकिन खासतौर पर सर्विस सेक्टर के चलते इनका आधार बहुत छोटा है। कारोबार के केंद्र माने जाने वाले शहरों में यह कॉन्सेप्ट काफी कारगर है। ऐसे शहरों में सबसे बढि़या लोकेशन सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (सीबीडी) और सेकेंडरी बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (एसबीडी) एरिया होते हैं। फिलहाल देश में जिन शहरों में सर्विस्ड अपार्टमेंट्स की मांग और विकास की दर सबसे ज्यादा है उनमें बेंगलुरु, पुणे, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई और हैदराबाद शामिल हैं।'
सर्विस्ड अपार्टमेंट्स बनाम होटल
अगर किसी शहर में लंबे समय तक रहना है तो होटल के मुकाबले सर्विस्ड अपार्टमेंट्स में रहना 20 फीसदी सस्ता होगा। इसलिए बहुत सी कंपनियां अपने कर्मचारियों के ठहराने के लिए सर्विस्ड अपार्टमेंट का चुनाव करती हैं। अगर किसी कंपनी को कर्मचारियों के चार महीने के ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए बड़ी संख्या में कमरे चाहिए तो वह सर्विस्ड अपार्टमेंट्स चुनेगी क्योंकि स्टार होटल का खर्च काफी ज्यादा होगा। कुछ कंपनियां विदेशी कर्मचारियों के लिए सर्विस्ड अपार्टमेंट लेती हैं।
सर्विस्ड अपार्टमेंट्स सुविधाओं और लागत के मामले में काफी बेहतर होते हैं। बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो सैर-सपाटे में कई जगहों पर होटल के बजाय सर्विस्ड अपार्टमेंट में रहना पसंद करते हैं। सर्विस्ड अपार्टमेंट में रहना इसलिए भी फायदेमंद होता कि लंबे समय तक किसी अच्छे होटल में ठहरने का खर्च बहुत ज्यादा होता है।
विशेषज्ञों की राय में सर्विस्ड अपार्टमेंट उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है, जिनको काम के सिलसिले में अक्सर शहर-शहर घूमना पड़ता है और लंबे समय तक ठहरने के लिए किफायती विकल्प की जरूरत पड़ती है।
कितना फायदेमंद है सर्विस्ड अपार्टमेंट?
मकान को लीज पर देने से मिलने वाला रिटर्न बिजनेस लेवल पर चलाने से होने वाले रिटर्न के मुकाबले कम हो सकता है। सर्विस्ड अपार्टमेंट को लीज पर देने के दो बड़े फायदे हैं। पहला, इसमें आपको अपार्टमेंट को सही हालत में रखने की कीमत मिलती है। दूसरा, इसमें किराएदार के लंबे समय तक मकान में रह जाने और उससे होनी वाली दिक्कतों से बचाव होता है। लेकिन यह कोई मकान को किराए पर देने जैसा नहीं है। इसमें आपको ज्यादा समय देना पड़ेगा और ज्यादा निवेश करना होगा।
उनको डर होता है कि कहीं किराएदार उनके मकान में लंबे समय के लिए न टिक जाए, जिसके चलते बाद में मकान खाली कराने में दिक्कत आए। अगर इस डर से आप भी रिहायशी मकान में निवेश नहीं कर रहे हैं तो आपको सर्विस्ड अपार्टमेंट में निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए।
सर्विस्ड अपार्टमेंट अक्सर बुनियादी सुविधाओं से लैस फ्लैट होता है और छोटी या लंबी अवधि में रहने के लिए उपलब्ध होता है। उसमें रोजमर्रा के काम आने वाली बुनियादी सुविधाएं होती हैं। इन सुविधाओं में कुकिंग रेंज, केतली, माइक्रोवेव ओवन वगैरह से लैस किचन और वॉशिंग मशीन जैसी जरूरी चीजें हो सकती हैं।
अगर आप खाना नहीं बनाना चाहते या रोजमर्रा के छोटे-मोटे कामकाज में आपका मन नहीं लगता तो आप नाश्ता, कपड़ों की धुलाई वगैरह की सुविधा पा सकते हैं।
अमेरिका में शुरू हुआ सर्विस्ड अपार्टमेंट का चलन हमारे यहां 2000 के दशक के शुरुआती वर्षों में जड़ जमाने लगा था। दरअसल, यह वही दौर था जब हमारे यहां कामकाज के लिए आने वाले विदेशियों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी थी। बेहतर गुणवत्ता वाली सुविधाओं और आवभगत की परंपरा को देखते हुए हमारे यहां इस कॉन्सेप्ट को रफ्तार देना काफी आसान है।
कुशमैन एंड वेकफील्ड, इंडिया में रेजिडेंशियल सर्विसेज डायरेक्टर श्वेता जैन कहती हैं, 'इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं कि भारत में सर्विस्ड अपार्टमेंट का कॉन्सेप्ट सबसे पहले दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नै जैसे शहरों ने अपनाया।
यह मार्केट सेगमेंट पूरी तरह से कॉरपोरेट जगत से जुड़ा है। कंपनियां अपने प्रबंधकों और लंबे समय तक काम करने के लिए भारत आने वाले विदेशियों के लिए सर्विस्ड अपार्टमेंट लेती हैं। सर्विस अपार्टमेंट के कॉन्सेप्ट को आईटी/आईटीईएस, बायोटेक्नोलॉजी, सर्विसेज सेक्टर, बीएफएसआई और मेडिकल टूरिज्म से काफी बढ़ावा मिला है।
इस कॉन्सेप्ट को हम अच्छी तरह से समझ गए हैं, लेकिन सर्विस्ड अपार्टमेंट्स की उपलब्धता मांग के मुकाबले काफी कम है।'
बढ़ती मांग
जोन्स लैंग लसाल इंडिया के एमडी (चेन्नई और कोयंबटूर) बादल याज्ञनिक कहते हैं, 'सर्विस्ड अपार्टमेंट का कॉन्सेप्ट मेट्रो और उन बड़े टीयर-2 शहरों में काफी कारगर साबित हुआ है, जहां होटल कमरों का किराया बहुत ज्यादा है। सर्विस्ड अपार्टमेंट्स कॉरपोरेट हॉस्पिटैलिटी सेक्टर का एक उभरता ट्रेंड है। एमएनसी और घरेलू कंपनियों के अधिकारियों का काम के चलते किसी दूसरे शहर जाना काफी अनियमित होता है, इसलिए उनके लिए गेस्टहाउस बनाना फायदेमंद नहीं है।'
इसके अलावा, दफ्तर के काम से शहर से बाहर जाने वालों की जरूरतें आमतौर पर होटल में ठहरने वालों से अलग होती हैं। उनके लिए अक्सर 4 सितारा सुविधाओं वाला सर्विस्ड अपार्टमेंट्स सही विकल्प होता है। याज्ञनिक के मुताबिक, 'सर्विस्ड अपार्टमेंट्स में बिजनेस ट्रैवलर्स के पास सेल्फ कैटरिंग सुविधाओं वाला पूरी तरह सुसज्जित किचन और कई तरह के बेडरूम के चुनाव का विकल्प होता है। ये दफ्तरों के आसपास के होटलों के मुकाबले किफायती भी होते हैं।'
सही ग्राहक का चुनाव
इस समय माकेर्ट में बहुत से ऑपरेटर हैं, जो सर्विस्ड अपार्टमेंट चलाने में मददगार होते हैं। ये सही ग्राहक ढूंढने के अलावा कारोबार और ग्राहकों की आवाजाही बढ़ाने में आपकी मदद करेंगे। जैन के मुताबिक, 'आपके कारोबार को सफल बनाने में किसी विशेषज्ञ की सलाह का अहम रोल हो सकता है। ये ग्राहक तलाशने की सिरदर्दी अपने सिर लेकर कारोबार चलाने में बड़े मददगार साबित होंगे।
यह कारोबार मकान किराए पर देने से एकदम अलग है। अगर आप अकेले ही सर्विस्ड अपार्टमेंट चलाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको मकान के आसपास की कंपनियों के एडमिनिस्ट्रेशन/ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट से संपर्क में रहना होगा। इसके अलावा, आप प्रॉपर्टी किराए पर दिलाने वाली वेबसाइट पर सर्विस्ड अपार्टमेंट के सेगमेंट में इसका विज्ञापन कर सकते हैं। इसके अलावा, आप अपनी वेबसाइट बनाकर सर्विस्ड अपार्टमेंट्स लेने की इच्छुक कंपनियों तक पहुंच सकते हैं।'
महत्वपूर्ण है लोकेशन
तेजी से बढ़ती इकॉनमी और आईटी/आईटीईएस से भारत में कारोबार का प्रबंधन करने वाले विदेशी पेशेवरों की संख्या बढ़ रही है। यही वह तबका है जो देश में सर्विस्ड अपार्टमेंट्स की बढ़ती मांग को बढ़ावा दे रहा है। जैन कहती हैं, 'भारत में खासतौर पर छह बड़े मेट्रो में बेहतर सुविधाओं वाले सर्विस्ड अपार्टमेंट्स की काफी मांग है। इस सेगमेंट में विस्तार की अपार संभावनाएं है, लेकिन खासतौर पर सर्विस सेक्टर के चलते इनका आधार बहुत छोटा है। कारोबार के केंद्र माने जाने वाले शहरों में यह कॉन्सेप्ट काफी कारगर है। ऐसे शहरों में सबसे बढि़या लोकेशन सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (सीबीडी) और सेकेंडरी बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (एसबीडी) एरिया होते हैं। फिलहाल देश में जिन शहरों में सर्विस्ड अपार्टमेंट्स की मांग और विकास की दर सबसे ज्यादा है उनमें बेंगलुरु, पुणे, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई और हैदराबाद शामिल हैं।'
सर्विस्ड अपार्टमेंट्स बनाम होटल
अगर किसी शहर में लंबे समय तक रहना है तो होटल के मुकाबले सर्विस्ड अपार्टमेंट्स में रहना 20 फीसदी सस्ता होगा। इसलिए बहुत सी कंपनियां अपने कर्मचारियों के ठहराने के लिए सर्विस्ड अपार्टमेंट का चुनाव करती हैं। अगर किसी कंपनी को कर्मचारियों के चार महीने के ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए बड़ी संख्या में कमरे चाहिए तो वह सर्विस्ड अपार्टमेंट्स चुनेगी क्योंकि स्टार होटल का खर्च काफी ज्यादा होगा। कुछ कंपनियां विदेशी कर्मचारियों के लिए सर्विस्ड अपार्टमेंट लेती हैं।
सर्विस्ड अपार्टमेंट्स सुविधाओं और लागत के मामले में काफी बेहतर होते हैं। बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो सैर-सपाटे में कई जगहों पर होटल के बजाय सर्विस्ड अपार्टमेंट में रहना पसंद करते हैं। सर्विस्ड अपार्टमेंट में रहना इसलिए भी फायदेमंद होता कि लंबे समय तक किसी अच्छे होटल में ठहरने का खर्च बहुत ज्यादा होता है।
विशेषज्ञों की राय में सर्विस्ड अपार्टमेंट उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है, जिनको काम के सिलसिले में अक्सर शहर-शहर घूमना पड़ता है और लंबे समय तक ठहरने के लिए किफायती विकल्प की जरूरत पड़ती है।
कितना फायदेमंद है सर्विस्ड अपार्टमेंट?
मकान को लीज पर देने से मिलने वाला रिटर्न बिजनेस लेवल पर चलाने से होने वाले रिटर्न के मुकाबले कम हो सकता है। सर्विस्ड अपार्टमेंट को लीज पर देने के दो बड़े फायदे हैं। पहला, इसमें आपको अपार्टमेंट को सही हालत में रखने की कीमत मिलती है। दूसरा, इसमें किराएदार के लंबे समय तक मकान में रह जाने और उससे होनी वाली दिक्कतों से बचाव होता है। लेकिन यह कोई मकान को किराए पर देने जैसा नहीं है। इसमें आपको ज्यादा समय देना पड़ेगा और ज्यादा निवेश करना होगा।
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