मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का कहना है कि प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए बने सेफ्टी स्ट्रक्चरल सर्टिफिकेट का नियम सरकार वापस लेगी। दूसरी ओर विभाग के मंत्री डॉ. ए. के. वालिया का कहना है कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि सरकार इस नियम को वापस लेने जा रही है। खास बात यह है कि इस आदेश को जारी करने वाले विभाग के प्रमुख को भी इस बात का पता नहीं है कि सरकार ऐसा कुछ करने जा रही है। फिलहाल इस नियम के कारण राजधानी में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त लगभग बंद पड़ी है।
सीएम ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए बनाए सेफ्टी स्ट्रक्चरल सर्टिफिकेट के कारण सरकार को आर्थिक हानि तो उठानी पड़ ही रही है, साथ ही इस नए नियम के कारण लोगों को भी खासी परेशानी हो रही है। सीएम के मुताबिक, एमसीडी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि उसके पास ऐसे सर्टिफिकेट जारी करने के लिए स्ट्रक्चरल इंजीनियर ही नहीं है, जिसके चलते इस नियम को लागू करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस समस्या को देखते हुए सरकार ने सैद्धांतिक रूप से इस नियम को वापस लेने का फैसला लिया है।
वैसे मुख्यमंत्री के इस फैसले की जानकारी राजस्व मंत्री डॉ. ए. के. वालिया को नहीं है। वालिया के मुताबिक, उनके पास ऐसी कोई सूचना नहीं आई है कि मुख्यमंत्री इस नियम को वापस करने जा रही हैं। वैसे उन्होंने कहा कि अगर यह फैसला मुख्यमंत्री ने ले लिया है तो ठीक ही है, क्योंकि इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
मजेदार बात यह है कि इस आदेश को जारी करने वाले राजस्व विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी डी. एम. सपोलिया को भी इस बात की जानकारी नहीं है कि मुख्यमंत्री उनके आदेश को पलटने वाली हैं। सूत्रों के मुताबिक, सपोलिया ने कहा है कि उन तक ऐसी कोई सूचना नहीं आई है कि उनका आदेश वापस होने वाला है और इसके लिए वह फाइलिंग वर्क शुरू कर दें।
फिलहाल इस मामले में सीएम , संबंधित मंत्री और आला अधिकारी के अलग - अलग बयानों के कारण अभी तक यह स्पष्टनहीं हो रहा है कि यह जटिल आदेश कब तक वापस हो जाएगा।
सीएम ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए बनाए सेफ्टी स्ट्रक्चरल सर्टिफिकेट के कारण सरकार को आर्थिक हानि तो उठानी पड़ ही रही है, साथ ही इस नए नियम के कारण लोगों को भी खासी परेशानी हो रही है। सीएम के मुताबिक, एमसीडी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि उसके पास ऐसे सर्टिफिकेट जारी करने के लिए स्ट्रक्चरल इंजीनियर ही नहीं है, जिसके चलते इस नियम को लागू करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस समस्या को देखते हुए सरकार ने सैद्धांतिक रूप से इस नियम को वापस लेने का फैसला लिया है।
वैसे मुख्यमंत्री के इस फैसले की जानकारी राजस्व मंत्री डॉ. ए. के. वालिया को नहीं है। वालिया के मुताबिक, उनके पास ऐसी कोई सूचना नहीं आई है कि मुख्यमंत्री इस नियम को वापस करने जा रही हैं। वैसे उन्होंने कहा कि अगर यह फैसला मुख्यमंत्री ने ले लिया है तो ठीक ही है, क्योंकि इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
मजेदार बात यह है कि इस आदेश को जारी करने वाले राजस्व विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी डी. एम. सपोलिया को भी इस बात की जानकारी नहीं है कि मुख्यमंत्री उनके आदेश को पलटने वाली हैं। सूत्रों के मुताबिक, सपोलिया ने कहा है कि उन तक ऐसी कोई सूचना नहीं आई है कि उनका आदेश वापस होने वाला है और इसके लिए वह फाइलिंग वर्क शुरू कर दें।
फिलहाल इस मामले में सीएम , संबंधित मंत्री और आला अधिकारी के अलग - अलग बयानों के कारण अभी तक यह स्पष्टनहीं हो रहा है कि यह जटिल आदेश कब तक वापस हो जाएगा।
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