Saturday, May 7, 2011

जानिए कम कीमतों का राज-प्रॉपर्टी-बिज़नस-Navbharat Times

जानिए कम कीमतों का राज-प्रॉपर्टी-बिज़नस-Navbharat Times

रीयल एस्टेट में मौजूदा समय में प्रॉपर्टी की कीमतें तर्कसंगत स्थिति पर हैं, यानी अफोर्डेबल रेंज में हैं। कभी आसमान छूती प्रॉपर्टी की कीमतों पर यह लगाम आखिर लगती कैसे है, बता रहे हैं अमित कुश :

इन दिनों प्रॉपर्टी बाजार में चारों ओर अफोर्डेबल हाउसिंग का ही ढिंढोरा पीटा जा रहा है। खरीदारों की भीड़ भी हर जगह जुट रही है, पर कोई यह नहीं सोच रहा है कि अगर कम कीमतों में फ्लैट मिल सकते थे, तो पहले कीमतें ज्यादा क्यों होती थीं?

चार्जेस
अफोर्डेबल प्रॉजेक्ट के विज्ञापनों में आपने कीमत के साथ स्टार देखा होगा। मतलब, शर्ते लागू। आप फ्लैट लेने जाएंगे, तो उसमें कुछ लाख रुपये और जुड़ जाएंगे। आमतौर पर बेसिक सेल प्राइज का ही प्रचार किया जाता है। इसके अलावा, कम से कम एक प्रिफर्ड लोकेशन चार्ज, ओपन या कवर्ड में से कोई एक पार्किंग चार्ज, इंटरेस्ट फ्री मेंटेनेंस चार्ज, कम से कम 1 केवी का पावर बैकअप चार्ज भी इसकी कीमत में जरूर जोड़े जाएंगे। क्लब मेंबरशिप ऑप्शनल भी मिल सकती है। रजिस्ट्री की कीमत अलग होगी। कुल मिलाकर फ्लैट की कीमत पांच-छह लाख रुपये बढ़ सकती है, यानी बीस लाख रुपये वाला मकान 26 लाख रुपये में।

सुविधाएं
अफोर्डेबल फ्लैट्स आमतौर पर ताम-झाम के बगैर होते हैं। फुली फर्निश्ड की बजाय रॉ फ्लैट। अफोर्डेबलिटी की पहली गाज मॉड्युलर किचन पर गिरी। अब ज्यादातर प्रॉजेक्ट्स में रॉ-किचन दी जा रही है, यानी कीमत में 50 हजार से दो लाख रुपये तक की कमी। अगला नंबर है वुड वर्क का। कमरों में अलमारी की जगह तो होगी, लेकिन वुड वर्क नहीं। अच्छे वुक वर्क को आधार मानें, तो एक लाख रुपये की और कमी। तमाम मटीरियल की क्वॉलिटी से भी समझौता। पूरे घर में महंगी ग्रेनाइट फ्लोरिंग की बजाय कोटा स्टोन या अन्य फ्लोरिंग बिछवाई जा रही हैं। सभी कमरों में विट्रीफाइड टाइल्स की बजाय सिर्फ ड्राइंग रूम में दी जा रही हैं। वॉशेबल ऑयल बॉन्ड डिस्टेंपर पेंट की बजाय ड्राई डिस्टेंपर, किचन में ग्रेनाइट स्लैब की बजाय कोटा स्टोन स्लैब, स्टेनलेस स्टील सिंक की बजाय विट्रस चाइना सिंक आदि का प्रयोग किया जा रहा है। इस तरह, महंगे इंटीरियर से हाथ खींचकर 1000 स्क्वेयर फीट के 2बीएचके फ्लैट की कीमत में साढ़े तीन से चार लाख रुपये कम किए जा सकते हैं।

साइज
अफोर्डेबल लेवल पर लाने के लिए फ्लैट्स के साइज भी कम किए जा रहे हैं। इससे फ्लैट की कीमत प्रति स्क्वेयर फीट की दर से अपने आप कम हो जाती है। विज्ञापन में पहले की तरह 2 या 3 बीएचके प्रचारित किया जाएगा, लेकिन उस फ्लैट का साइज कम हो चुका होगा। अफोर्डेबलिटी के प्रचार में जिस 9 या 10 लाख रुपये के फ्लैट का जिक्र किया जाता है, वह दरअसल 550 से 750 स्क्वेयर फीट का 1 बीएचके होता है। इसकी जरूरत शायद सिर्फ बैचलर्स या नवदंपतियों को ही होती है।

लोकेशन
अफोर्डेबल प्रॉजेक्ट्स अक्सर ऐसी जगह पर होते हैं, जहां जमीनों की कीमतें कम हैं। ये मुख्य शहर से दूर भी हो सकती हैं। हो सकता है कि वहां टाउनशिप तो हो, लेकिन उससे बाहर न तो बाजार हो और न अस्पताल। निजी वाहन रखना मजबूरी हो।

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