दिल्ली हाईकोर्ट ने सुरक्षा कारणों से राष्ट्रपति भवन के पास निजी आवासीय परियोजना को मंजूरी देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया है। इसके लिए अदालत ने लैंड यूज (भूमि के उपयोग) में बदलाव की अनुमति देने के अपने पुराने फैसले को रद्द कर दिया।
रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ राष्ट्रपति भवन के पास 22 एकड़ के विशाल क्षेत्र में डीएलएफ आवासीय भवन बनाना चाहता है। पिछले साल डीएलएफ की सहयोगी कंपनी को यहां पर आवासीय भवन बनाने के लिए लैंड यूज में बदलाव की अनुमति हाईकोर्ट की एकलपीठ ने दी थी। भूमि एवं विकास अधिकारी (एलएनडीओ) की मंजूरी न मिलने के बाद कंपनी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। चीफ जस्टिस दीपक मिश्र व जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने राष्ट्रपति व अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों की सुरक्षा को अहम बताते हुए केंद्र सरकार की अपील याचिका पर यह फैसला सुनाया। साथ ही मामले को फिर से (एलएनडीओ) के समक्ष भेज दिया।
(दिल्ली संस्करण)
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