कविता श्रीराम।। मुंबई
मकान खरीदने की प्रक्रिया में यह तय करना काफी अहम होता है कि आप उसे खरीदने में कितना पैसा खर्च कर सकते हैं। आमतौर पर लोग जब यह तय कर लेते हैं कि वे घर खरीदने में कितना पैसा खर्च कर सकते हैं, उसी के बाद घर ढूंढना शुरू करते हैं। अगर आप घर खरीदने में पैसा खर्च करने का अनुमान नहीं लगाते हैं तो आप कर्ज के जाल और वित्तीय संकट में फंस सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर अगर आप कम पैसा खर्च करना तय करते हैं तो आपको अपेक्षाकृत छोटा मकान खरीदना पड़ सकता है, जो आपकी पारिवारिक जरूरतों के हिसाब से सुविधाजनक नहीं होगा। मकान लेने वाले व्यक्ति के मन में यह भी सवाल उठता है कि उसे बैंक से कम होम लोन लेना चाहिए या फिर बड़ी रकम वाला होम लोन लेना चाहिए? हमने घर लेने वाले लोगों के मन में उठने वाली इन्हीं उलझनों को दूर करने की कोशिश की है:
आमदनी
आमतौर पर लोगों की यह प्रवृत्ति होती है कि वे बड़ा और शानदार मकान खरीदने के लिए अपनी सहूलियत से कहीं ज्यादा लोन ले लेते हैं। लोग यह अनुमान लगाकर चलते हैं कि आने वाले सालों में उनके वेतन में कई गुना बढ़ोतरी होगी और वे मानकर चलते हैं कि उनके कुल खर्च में मासिक ईएमआई रिपेमेंट की ज्यादा हिस्सेदारी नहीं होगी। हालांकि, कमाने वाले व्यक्ति के शारीरिक रूप से अक्षम होने, अस्थायी बेरोजगारी, महंगाई, आथिर्क सुस्ती, मंदी और ब्याज दरें के बढ़ने पर ईएमआई का भुगतान करना काफी कठिन हो जाता है। लेकिन, पति-पत्नी दोनों कामकाजी हों और पारिवारिक खचोर्ं में दोनों योगदान करते हों, तो ऐसी स्थिति में बड़ा लोन लिया जा सकता है।
धैर्य
लोन लेकर घर खरीदने वाले कुछ लोग जल्द से जल्द कर्ज मुक्त होना चाहते हैं। ऐसे लोगों के ऊपर अगर कर्ज की देनदारी होती है तो उन्हें इसको लेकर बेचैनी होती है। अगर ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव होता है तो ऐसे लोगों का धैर्य जवाब देने लगता है और इसी कारण ये लोग अपेक्षाकृत महंगा फिक्स्ड रेट लोन लेना पसंद करते हैं। ऐसे लोगों को आमतौर पर कम रकम का लोन लेना चाहिए, ताकि उसका रिपेमेंट जल्द हो सके।
योग्यता
घर खरीदने वाले किसी व्यक्ति को कितना लोन मिलेगा यह कर्जदाता बैंक द्वारा तय किए गए मानक पर निर्भर करता है। बैंक कर्ज लेने वाले व्यक्ति की रिपेमेंट क्षमता का आकलन करते हैं। कर्जदाता किसी व्यक्ति विशेष की जिम्मेदारियों के आधार पर इसे तय करते हैं। इसमें उसके द्वारा लिए गए कार लोन, पर्सनल लोन, आमदनी, उम्र, योग्यता और दूसरी एसेट पर विचार किया जाता है। आमतौर पर आपके कुल वेतन की 30-50 फीसदी तक की रकम को अधिकतम ईएमआई के रूप में स्वीकृत किया जाता है। इसके अलावा घर खरीदने वाले व्यक्ति को प्रॉपटीर् के डाउन पेमेंट के रूप में करीब 20 फीसदी तक भुगतान करना होता है।
मकान खरीदने की प्रक्रिया में यह तय करना काफी अहम होता है कि आप उसे खरीदने में कितना पैसा खर्च कर सकते हैं। आमतौर पर लोग जब यह तय कर लेते हैं कि वे घर खरीदने में कितना पैसा खर्च कर सकते हैं, उसी के बाद घर ढूंढना शुरू करते हैं। अगर आप घर खरीदने में पैसा खर्च करने का अनुमान नहीं लगाते हैं तो आप कर्ज के जाल और वित्तीय संकट में फंस सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर अगर आप कम पैसा खर्च करना तय करते हैं तो आपको अपेक्षाकृत छोटा मकान खरीदना पड़ सकता है, जो आपकी पारिवारिक जरूरतों के हिसाब से सुविधाजनक नहीं होगा। मकान लेने वाले व्यक्ति के मन में यह भी सवाल उठता है कि उसे बैंक से कम होम लोन लेना चाहिए या फिर बड़ी रकम वाला होम लोन लेना चाहिए? हमने घर लेने वाले लोगों के मन में उठने वाली इन्हीं उलझनों को दूर करने की कोशिश की है:
आमदनी
आमतौर पर लोगों की यह प्रवृत्ति होती है कि वे बड़ा और शानदार मकान खरीदने के लिए अपनी सहूलियत से कहीं ज्यादा लोन ले लेते हैं। लोग यह अनुमान लगाकर चलते हैं कि आने वाले सालों में उनके वेतन में कई गुना बढ़ोतरी होगी और वे मानकर चलते हैं कि उनके कुल खर्च में मासिक ईएमआई रिपेमेंट की ज्यादा हिस्सेदारी नहीं होगी। हालांकि, कमाने वाले व्यक्ति के शारीरिक रूप से अक्षम होने, अस्थायी बेरोजगारी, महंगाई, आथिर्क सुस्ती, मंदी और ब्याज दरें के बढ़ने पर ईएमआई का भुगतान करना काफी कठिन हो जाता है। लेकिन, पति-पत्नी दोनों कामकाजी हों और पारिवारिक खचोर्ं में दोनों योगदान करते हों, तो ऐसी स्थिति में बड़ा लोन लिया जा सकता है।
धैर्य
लोन लेकर घर खरीदने वाले कुछ लोग जल्द से जल्द कर्ज मुक्त होना चाहते हैं। ऐसे लोगों के ऊपर अगर कर्ज की देनदारी होती है तो उन्हें इसको लेकर बेचैनी होती है। अगर ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव होता है तो ऐसे लोगों का धैर्य जवाब देने लगता है और इसी कारण ये लोग अपेक्षाकृत महंगा फिक्स्ड रेट लोन लेना पसंद करते हैं। ऐसे लोगों को आमतौर पर कम रकम का लोन लेना चाहिए, ताकि उसका रिपेमेंट जल्द हो सके।
योग्यता
घर खरीदने वाले किसी व्यक्ति को कितना लोन मिलेगा यह कर्जदाता बैंक द्वारा तय किए गए मानक पर निर्भर करता है। बैंक कर्ज लेने वाले व्यक्ति की रिपेमेंट क्षमता का आकलन करते हैं। कर्जदाता किसी व्यक्ति विशेष की जिम्मेदारियों के आधार पर इसे तय करते हैं। इसमें उसके द्वारा लिए गए कार लोन, पर्सनल लोन, आमदनी, उम्र, योग्यता और दूसरी एसेट पर विचार किया जाता है। आमतौर पर आपके कुल वेतन की 30-50 फीसदी तक की रकम को अधिकतम ईएमआई के रूप में स्वीकृत किया जाता है। इसके अलावा घर खरीदने वाले व्यक्ति को प्रॉपटीर् के डाउन पेमेंट के रूप में करीब 20 फीसदी तक भुगतान करना होता है।
No comments:
Post a Comment