नई दिल्ली॥ दिल्ली जल बोर्ड के उपभोक्ताओं को पानी का बिल जमा करने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। जब मीटर रीडर घर पर आएगा तो उसी वक्त उपभोक्ता बिल जमा करा पाएंगे। जल बोर्ड इस योजना पर काम कर रहा है। उम्मीद है कि इस साल अंत तक यह योजना लागू हो जाएगी।
जल बोर्ड पानी का जो बिल भेजता है, उसे सुविधा केंद्रों में जल बोर्ड ऑफिस में जाकर जमा कराना होता है। कई बार वहां लंबी-लंबी लाइन लगी रहती है जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी होती है। जल बोर्ड ने योजना बनाई है कि सभी मीटर रीडरों को हैंड हेल्ड डिवाइस दी जाएगी। इसके जिम्मा टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज को दिया गया है। इस डिवाइस के साथ मीटर रीडर जब आपके घरों पर पानी के मीटर की रीडिंग लेने आएंगे, उस वक्त ही बिल का प्रिंट भी दे दिया जाएगा। दिल्ली जल बोर्ड के मेंबर फाइनेंस प्रशांत गोयल ने कहा कि टीसीएस इस पर काम कर रहा है। वह सभी मीटर रीडर्स को मशीन देगा। बिल का प्रिंट उसी वक्त देने से उपभोक्ताओं को यह शिकायत यह नहीं रहेगी कि बिल गलत आया है। उन्होंने बताया कि जल बोर्ड यह विकल्प भी देगा कि अगर कोई उपभोक्ता उसी वक्त बिल का पेमेंट करना चाहे तो वह कर सकता है। इससे उपभोक्ता को भी सुविधा रहेगी कि उन्हें बिल जमा करने की तारीख याद नहीं रखनी पड़ेगी और न ही एक्स्ट्रा टाइम देना पड़ेगा।
जल बोर्ड अधिकारी ने बताया कि हम इस पर भी विचार कर रहे हैं कि बिजली की मीटर रीडिंग और पानी की मीटर एक साथ कराई जाए। जो मीटर रीडर बिजली मीटर की रीडिंग लेने जाएगा वही पानी की रीडिंग भी ले आएगा। इसके लिए बिजली कंपनियों से किस तरह समझौता किया जा सकता है, हम इसकी संभावना खोज रहे हैं। इससे दोनों ही को फायदा होगा और मैन पावर भी बचेगी। इसके साथ ही जल बोर्ड नॉन रेवेन्यू वॉटर कम करने के लिए भी काम कर रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि जहां मीटर नहीं लगे हैं वहां मीटर लगाने के लिए और जहां मीटर खराब पड़े हैं वहां सही मीटर लगाने का अभियान चलाया जा रहा है। जल बोर्ड 5 लाख नए मीटर लगाएगा। साउथ दिल्ली से इसकी शुरूआत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि इससे लोग जितना पानी इस्तेमाल करेंगे उस हिसाब से ही बिल देंगे। इसका फायदा यह भी होगा कि लोग पानी की बचत करना सीखेंगे और जल बोर्ड को भी रेवेन्यू मिलेगा। उन्होंने कहा कि जेजे सेटेलमेंट कॉलोनियों को भी मीटर लगाने के लिए 30 जून तक का वक्त दिया गया है। फिलहाल वहां हर महीने प्रति फ्लोर 15 किलोलीटर के हिसाब से पानी का बिल भेजा जा रहा है। अभी उनसे सर्विस चार्ज 100 रुपये की बजाय 50 रुपये लिया जा रहा है लेकिन अगर 30 जून तक मीटर नहीं लगाए तो फिर उन्हें ज्यादा बिल देना होगा।
जल बोर्ड पानी का जो बिल भेजता है, उसे सुविधा केंद्रों में जल बोर्ड ऑफिस में जाकर जमा कराना होता है। कई बार वहां लंबी-लंबी लाइन लगी रहती है जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी होती है। जल बोर्ड ने योजना बनाई है कि सभी मीटर रीडरों को हैंड हेल्ड डिवाइस दी जाएगी। इसके जिम्मा टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज को दिया गया है। इस डिवाइस के साथ मीटर रीडर जब आपके घरों पर पानी के मीटर की रीडिंग लेने आएंगे, उस वक्त ही बिल का प्रिंट भी दे दिया जाएगा। दिल्ली जल बोर्ड के मेंबर फाइनेंस प्रशांत गोयल ने कहा कि टीसीएस इस पर काम कर रहा है। वह सभी मीटर रीडर्स को मशीन देगा। बिल का प्रिंट उसी वक्त देने से उपभोक्ताओं को यह शिकायत यह नहीं रहेगी कि बिल गलत आया है। उन्होंने बताया कि जल बोर्ड यह विकल्प भी देगा कि अगर कोई उपभोक्ता उसी वक्त बिल का पेमेंट करना चाहे तो वह कर सकता है। इससे उपभोक्ता को भी सुविधा रहेगी कि उन्हें बिल जमा करने की तारीख याद नहीं रखनी पड़ेगी और न ही एक्स्ट्रा टाइम देना पड़ेगा।
जल बोर्ड अधिकारी ने बताया कि हम इस पर भी विचार कर रहे हैं कि बिजली की मीटर रीडिंग और पानी की मीटर एक साथ कराई जाए। जो मीटर रीडर बिजली मीटर की रीडिंग लेने जाएगा वही पानी की रीडिंग भी ले आएगा। इसके लिए बिजली कंपनियों से किस तरह समझौता किया जा सकता है, हम इसकी संभावना खोज रहे हैं। इससे दोनों ही को फायदा होगा और मैन पावर भी बचेगी। इसके साथ ही जल बोर्ड नॉन रेवेन्यू वॉटर कम करने के लिए भी काम कर रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि जहां मीटर नहीं लगे हैं वहां मीटर लगाने के लिए और जहां मीटर खराब पड़े हैं वहां सही मीटर लगाने का अभियान चलाया जा रहा है। जल बोर्ड 5 लाख नए मीटर लगाएगा। साउथ दिल्ली से इसकी शुरूआत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि इससे लोग जितना पानी इस्तेमाल करेंगे उस हिसाब से ही बिल देंगे। इसका फायदा यह भी होगा कि लोग पानी की बचत करना सीखेंगे और जल बोर्ड को भी रेवेन्यू मिलेगा। उन्होंने कहा कि जेजे सेटेलमेंट कॉलोनियों को भी मीटर लगाने के लिए 30 जून तक का वक्त दिया गया है। फिलहाल वहां हर महीने प्रति फ्लोर 15 किलोलीटर के हिसाब से पानी का बिल भेजा जा रहा है। अभी उनसे सर्विस चार्ज 100 रुपये की बजाय 50 रुपये लिया जा रहा है लेकिन अगर 30 जून तक मीटर नहीं लगाए तो फिर उन्हें ज्यादा बिल देना होगा।
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