रवि तेजा शर्मा
नई दिल्ली।। देश का रियल एस्टेट उद्योग विरोधाभासों से भरा है। राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश सरकार के कौड़ियों के भाव जमीन लेने से भड़का हुआ है। दूसरी ओर शहर के बीचोबीच 4,500 करोड़ रुपए की रियल एस्टेट प्रॉपर्टी रईस भारतीयों की एक जमात के लिए सिरदर्द बन गई है।
नेता, फिल्मी सितारे, वकील, नौकरशाह, कारोबारी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों ने राष्ट्रमंडल खेलगांव परिसर में 2 करोड़ रुपए से लेकर 4 करोड़ रुपए से ज्यादा में अपार्टमेंट खरीदे हैं। इस परिसर का निर्माण कॉमलवेल्थ गेम्स के लिए किया गया था। सीडब्ल्यूजी घोटाले का खुलासा होने के बाद इन लोगों को फ्लैट का कब्जा नहीं दिया जा रहा। अब उनकी फाइनैंस कॉस्ट दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। होम लोन ब्याज दरें बढ़ रही हैं। फ्लैट के मालिक जहां बिल्डरों और सरकारी एजेंसियों के साथ अदालत में कानून लड़ाई लड़ रहे हैं, वहीं उन्हें इस बात का डर सताने लगा है कि यमुना के किनारे बने इन हाई-ऐंड अपार्टमेंट की हालत खस्ता हो जाएगी, क्योंकि किसी को भी इनकी देखभाल का जिम्मा नहीं दिया गया है। इन्हें कुदरत के रहमो-करम पर छोड़ दिया गया है।
प्राइसवाटरहाउसकूपर्स के कार्यकारी डाइरेक्टर और वहां फ्लैट खरीदने वाले 280 लोगों में से एक धीरज माथुर ने कहा, 'हमने एक तरह से राष्ट्रमंडल खेल के लिए इस परियोजना को फाइनैंस किया था और अब हम फंस चुके हैं। मैंने यहां मकान खरीदने के लिए अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई झोंकी थी।' करीब 6 करोड़ रुपए का भुगतान करने वाले पूर्व क्रिकेटर और सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, 'मैंने गेम्स विलेज में दो अपार्टमेंट खरीदने के लिए जीवन भर की पूंजी लगा दी, क्योंकि मेरे पास दिल्ली में कोई प्रॉपर्टी नहीं है। अगर मैं यह रकम कहीं और निवेश करता, तो अब तक अच्छा-खासा मुनाफा बना लेता।'
खरीदारों में आईटीसी के वाई सी देवेश्वर, शोभना नारायण, वकील राजीव लूथरा, पूर्व वित्त सचिव अशोक झा और अटॉर्नी जनरल गुलाम ई वाहनवती शामिल हैं। 280 लोगों ने फ्लैट के लिए करीब 1,500 करोड़ रुपए का भुगतान किया। अमेरिका में भारत की राजदूत मीरा शंकर और उनके पति अजय शंकर (पूर्व डीआईपीपी सचिव) ने हाल में घोषणा की थी कि उन्होंने भी गेम्स विलेज में 2.85 लाख रुपए का अपार्टमेंट खरीदा है। इनमें से कई खरीदारों ने प्रॉपर्टी के लिए बैंक लोन लिया था और वे तीन साल से भारी ब्याज चुका रहे हैं। रिजर्व बैंक बीते एक साल में नौ बार पॉलिसी दरें बढ़ा चुका है, ऐसे में खरीदारों की लागत भी बढ़ रही है।
नई दिल्ली में वर्ल्ड बैंक के संस्थान आईएफसी के साथ काम करने वाले शलभ टंडन ने कहा, 'मैं तीन साल से करीब दो लाख रुपए की मासिक किस्त चुका रहा हूं, जब मैंने फ्लैट खरीदा था। फिलहाल, ईएमआई की ज्यादातर रकम ब्याज भुगतान में जा रही है।' उन्होंने 3 करोड़ रुपए में फोर-बेडरूम फ्लैट खरीदा था और सिटीबैंक से करीब 2.25 करोड़ रुपए लोन लिया। बीते कुछ महीने के दौरान उनकी होम लोन दर 9.1 फीसदी से बढ़कर 12.5 फीसदी पर पहुंच गई है, जिससे मासिक किस्त के रूप में जेब से निकलने वाली रकम कम से कम 30 फीसदी बढ़ गई है।
नई दिल्ली।। देश का रियल एस्टेट उद्योग विरोधाभासों से भरा है। राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश सरकार के कौड़ियों के भाव जमीन लेने से भड़का हुआ है। दूसरी ओर शहर के बीचोबीच 4,500 करोड़ रुपए की रियल एस्टेट प्रॉपर्टी रईस भारतीयों की एक जमात के लिए सिरदर्द बन गई है।
नेता, फिल्मी सितारे, वकील, नौकरशाह, कारोबारी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों ने राष्ट्रमंडल खेलगांव परिसर में 2 करोड़ रुपए से लेकर 4 करोड़ रुपए से ज्यादा में अपार्टमेंट खरीदे हैं। इस परिसर का निर्माण कॉमलवेल्थ गेम्स के लिए किया गया था। सीडब्ल्यूजी घोटाले का खुलासा होने के बाद इन लोगों को फ्लैट का कब्जा नहीं दिया जा रहा। अब उनकी फाइनैंस कॉस्ट दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। होम लोन ब्याज दरें बढ़ रही हैं। फ्लैट के मालिक जहां बिल्डरों और सरकारी एजेंसियों के साथ अदालत में कानून लड़ाई लड़ रहे हैं, वहीं उन्हें इस बात का डर सताने लगा है कि यमुना के किनारे बने इन हाई-ऐंड अपार्टमेंट की हालत खस्ता हो जाएगी, क्योंकि किसी को भी इनकी देखभाल का जिम्मा नहीं दिया गया है। इन्हें कुदरत के रहमो-करम पर छोड़ दिया गया है।
प्राइसवाटरहाउसकूपर्स के कार्यकारी डाइरेक्टर और वहां फ्लैट खरीदने वाले 280 लोगों में से एक धीरज माथुर ने कहा, 'हमने एक तरह से राष्ट्रमंडल खेल के लिए इस परियोजना को फाइनैंस किया था और अब हम फंस चुके हैं। मैंने यहां मकान खरीदने के लिए अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई झोंकी थी।' करीब 6 करोड़ रुपए का भुगतान करने वाले पूर्व क्रिकेटर और सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, 'मैंने गेम्स विलेज में दो अपार्टमेंट खरीदने के लिए जीवन भर की पूंजी लगा दी, क्योंकि मेरे पास दिल्ली में कोई प्रॉपर्टी नहीं है। अगर मैं यह रकम कहीं और निवेश करता, तो अब तक अच्छा-खासा मुनाफा बना लेता।'
खरीदारों में आईटीसी के वाई सी देवेश्वर, शोभना नारायण, वकील राजीव लूथरा, पूर्व वित्त सचिव अशोक झा और अटॉर्नी जनरल गुलाम ई वाहनवती शामिल हैं। 280 लोगों ने फ्लैट के लिए करीब 1,500 करोड़ रुपए का भुगतान किया। अमेरिका में भारत की राजदूत मीरा शंकर और उनके पति अजय शंकर (पूर्व डीआईपीपी सचिव) ने हाल में घोषणा की थी कि उन्होंने भी गेम्स विलेज में 2.85 लाख रुपए का अपार्टमेंट खरीदा है। इनमें से कई खरीदारों ने प्रॉपर्टी के लिए बैंक लोन लिया था और वे तीन साल से भारी ब्याज चुका रहे हैं। रिजर्व बैंक बीते एक साल में नौ बार पॉलिसी दरें बढ़ा चुका है, ऐसे में खरीदारों की लागत भी बढ़ रही है।
नई दिल्ली में वर्ल्ड बैंक के संस्थान आईएफसी के साथ काम करने वाले शलभ टंडन ने कहा, 'मैं तीन साल से करीब दो लाख रुपए की मासिक किस्त चुका रहा हूं, जब मैंने फ्लैट खरीदा था। फिलहाल, ईएमआई की ज्यादातर रकम ब्याज भुगतान में जा रही है।' उन्होंने 3 करोड़ रुपए में फोर-बेडरूम फ्लैट खरीदा था और सिटीबैंक से करीब 2.25 करोड़ रुपए लोन लिया। बीते कुछ महीने के दौरान उनकी होम लोन दर 9.1 फीसदी से बढ़कर 12.5 फीसदी पर पहुंच गई है, जिससे मासिक किस्त के रूप में जेब से निकलने वाली रकम कम से कम 30 फीसदी बढ़ गई है।
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