Monday, April 18, 2011

अब पंद्रह दिनों में पास करना होगा बिल्डिंè - Real Estate India - Gurgaon - Noida - Delhi - Mumbai - Pune - Chennai - Property Discussion Forum - www.iref.in

अब पंद्रह दिनों में पास करना होगा बिल्डिंè - Real Estate India - Gurgaon - Noida - Delhi - Mumbai - Pune - Chennai - Property Discussion Forum - www.iref.in

नगर निगम ने बिल्डिंग प्लान की स्वीकृति के लिए बनाई नई नीति, अधिकारियों की समयबद्ध जिम्मेदारी तय
एसई की जिम्मेवारी बिल्डिंग से संबंधित सीवर, जलापूर्ति, बरसाती पानी निकासी, भवन की सुरक्षा, बरसाती जल संचय आदि व्यवस्था की जांच करने की होगी। दूसरी तरफ, डीटीपी भूमि से संबंधित सभी दस्तावेजों की जांच करेगा। इस व्यवस्था में एई बिल्डिंग की भूमिका अहम होगी। आवेदन से संबंधित साइट रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेवारी एई की होगी। वह बिल्डिंग स्ट्रक्चर की वैधता और अवैधता की भी जांच करके रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। तीनों अधिकारियों को अधिकतम पांच दिनों में अपनी-अपनी रिपोर्ट ज्वाइंट कमिश्नर को सौंपनी होगी।

अब नगरवासियों को यह शिकायत नहीं होगी कि रेजिडेंशियल बिल्डिंग प्लान पास कराने के लिए उन्हें नगर निगम के महीनों चक्कर लगाने पड़ते हैं। लोगों की इन शिकायतों को दूर करने के लिए नगर निगम कमिश्नर सुधीर राजपाल ने बिल्डिंग प्लान पास करने की नई योजना के तहत अलग-अलग अधिकारियों की समयबद्ध जिम्मेवारियां निर्धारित की हैं। इसके लिए कमिश्नर ने बिल्डिंग प्लान से संबंधित नई नीति बनाई, इसमें अधिकतम 15 दिनों में बिल्डिंग प्लान को स्वीकृति/अस्वीकृति देने की व्यवस्था की गई है। नई व्यवस्था में रिहायशी भवनों की योजना (बिल्डिंग प्लान) को स्वीकृति देने की पूरी प्रक्रिया में क्षेत्र से संबंधित ज्वाइंट कमिश्नर, सुपरिटेंडिंग इंजीनियर (एसई), डिप्टी टाउन प्लानर, असिस्टमेंट इंजीनियर (बिल्डिंग) और एकाउंट ऑफिसर की अलग-अलग व समयबद्ध जिम्मेवारियां निर्धारित की गई हैं।

ज्वाइंट कमिश्नर की भूमिका : इस व्यवस्था में पहली बार ज्वाइंट कमिश्नरों की विशेष जिम्मेवारी निर्धारित की गई है। आवेदन किए जाने से लेकर प्लान को स्वीकृति दिए जाने तक की पूरी प्रक्रिया ज्वाइंट कमिश्नर की देख-रेख में चलेगी। नई व्यवस्था में बिल्डिंग प्लान से संबंधित सभी आवेदन केवल नागरिक सुविधा केंद्र (सीएफसी) में ही स्वीकार किए जाएंगे। आवेदक को बिल्डिंग प्लान से संबंधित आवेदन के साथ निर्धारित फीस और सभी आवश्यक दस्तावेज सीएफसी में ही जमा कराने होंगे। सीएफसी की जिम्मेवारी होगी कि वह आवेदन मिलते ही आवेदक को पावती देगा और आवेदन की पूरी फाइल उसी दिन संबंधित जोन के ज्वाइंट कमिश्नर के पास भेज देगा। फाइल मिलते ही ज्वाइंट कमिश्नर कार्यालय के क्लर्क बिल्डिंग प्लान आवेदन से संबंधी विस्तृत ब्यौरा बिल्डिंग प्लान रजिस्टर में दर्ज करेगा। रजिस्टर में ब्यौरा दर्ज होते ही ज्वाइंट कमिश्नर की भूमिका शुरू हो जाएगी। ज्वाइंट कमिश्नर अगले ही दिन आवेदन से संबंधित एक-एक प्रति एई बिल्डिंग, डीटीपी और एसई को भेजेगा। इसके बाद तीनों अधिकारियों को पांच दिनों के भीतर अपनी-अपनी रिपोर्ट ज्वाइंट कमिश्नर को भेजनी होगी।

आर्थिक पहलुओं पर टिप्पणी देंगे एकाउंट ऑफिसर : सभी रिपोर्टों को समायोजित करके आर्थिक पहलुओं पर टिप्पणी के लिए अगले तीन दिनों में पूरी फाइल एकाउंट ऑफिसर के पास भेजना होगा। एकाउंट ऑफिसर अगले दो दिनों में आर्थिक दृष्टि से अपनी स्वीकृति और अस्वीकृति की रिपोर्ट देने को बाध्य होगा। इसके बाद ज्वाइंट कमिश्नर अगले दो दिनों में फैसला लेंगे। आवेदक को अगले तीन दिनों में बिल्डिंग प्लान की स्वीकृति व अस्वीकृति की सूचना दी जाएगी। आवेदन अस्वीकृत होने की जानकारी निगम कमिश्नर को देना अनिवार्य होगा। आवेदन अस्वीकृत होने की स्थिति में अंतिम फैसला कमिश्नर लेंगे।

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