Saturday, April 2, 2011

अपने मकान को रखें भूकंप के खतरे से सुरक्षित-कमाएं बचाएं-बिज़नस-Navbharat Times

अपने मकान को रखें भूकंप के खतरे से सुरक्षित-कमाएं बचाएं-बिज़नस-Navbharat Times

जापान में आए भूकंप और फिर सुनामी की वजह से वहां अरबों की संपत्ति पानी में बह गई। इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन उचित बीमा पॉलिसी लेकर ऐसे खतरों से आप खुद को सुरक्षित कर सकते हैं। जापान में हुई तबाही के ज्यादातर हिस्से का भुगतान बीमा कंपनियां करेंगी। दूसरी ओर, भारत में मकान बीमा की मामूली लागत के बावजूद लोग यहां अपने मकान का बीमा नहीं कराते। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के एग्ज़ेक्युटिव डायरेक्टर नीलेश गर्ग का कहना है, '24 लाख रुपए के मकान के बीमा कवर की दैनिक लागत एक कप कॉफी की कीमत से ज्यादा नहीं होती, जबकि इसके फायदे लागत पर भारी पड़ते हैं।'


ईमानदारी से बात करें तो जापान में जैसा भूकंप और सुनामी आया, वैसा खुदा न करे भारत में आ जाए। वर्ना इससे होनेवाली बरबादी की कल्पना भी नहीं की जा सकती। राहत की बात यह है कि भूगर्भीय विज्ञान के लिहाज से जापान की तुलना में भारत कहीं सुरक्षित जोन में स्थित है, लेकिन इस इलाके में भी कई बार भूकंप आ चुके हैं। लातूर (1993), भुज (2001) और पाकिस्तान (2005) में आए भूकंप से साबित होता है कि ऐसी प्राकृतिक आपदा कभी भी आ सकती है। और हजारों किलोमीटर दूर भी किसी इलाके में कोई भूगर्भीय हलचल होती है तो उससे सुनामी का खतरा बना रहता है।


बीमा कवर का चयन
होम इंश्योरेंस लेते वक्त सबसे पहले कवर की अवधि का आकलन करना चाहिए। होम इंश्योरेंस पॉलिसी ऐसी होनी चाहिए, जिससे ध्वस्त मकान को दोबारा बनाने की लागत निकल सके। यह संपत्ति के बाजार मूल्य के बराबर नहीं होनी चाहिए। आम तौर पर प्रति वर्ग फुट निर्माण लागत 1,500 से 2,000 रुपए के बीच होती है। यदि आपका मकान 1200 वर्ग फुट में है तो आपको अच्छी गुणवत्ता का मकान बनाने के लिए 24 लाख रुपए का कवर लेना चाहिए।


यदि आप अपार्टमेंट में रहते हैं तो भी हो सकता है कि आपकी बिल्डिंग का इंश्योरेंस। आम तौर पर हाउसिंग सोसाइटी बिल्डिंग का इंश्योरेंस कराती है और मासिक शुल्कों में इसकी लागत वसूली जाती है। इस बारे में आप अपने बिल्डर से जानकारी ले सकते हैं।


किसी एक स्ट्रक्चर के इंश्योरेंस कवर की सालाना लागत 50 से 60 रुपए प्रति लाख होती है। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस जैसी कुछ कंपनियां मल्टी-ईयर पॉलिसी लेने पर छूट देती हैं। गर्ग कहते हैं, 'लंबी अवधि की पॉलिसी लेना ज्यादा फायदेमंद होता है, इसमें न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि 50 फीसदी तक छूट भी मिल जाती है।'

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